9 से 20 सितम्बर तक जिले में चलाया जाएगा टीबी रोगी खोज अभियान
टीबी मरीजों को खोलने के लिए 290 टीमों को लगाया जाएगा
मेरठ। देश से प्रधानमंत्री द्वारा 2025 तक टीबी उन्मूलन की घोषणा के तहत 2024-25 में सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान (ए.सी.एफ.)9 से 20 सितंबर 4 तक 10 कार्य दिवस में चलाया जा रहा है। इस सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान (ए०सी०एफ०) 2024-25 को सफल बनाने हेतु शनिवार को डॉ. गुलशन राय जिला क्षय रोग अधिकारी व डॉ. सुलक्षणा, डब्लू.एच.ओ. मण्डलीय सलाहकार की अध्यक्षता में कार्यालय जिला क्षय रोग कक्ष मेरठ में ए.सी.एफ ट्रेनिंग व समीक्षा का आयोजन किया गया । जिसमें समस्त एस.टी.एस., टी.बी.एच.वी., एस.टी.एल.एस. को डब्लू.एच.ओ मण्डलीय सलाहकार द्वारा ए.सी.एफ ट्रेनिंग दी गयी।
अभियान को सफल बनाने लिए सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया द्वारा बताया गया कि सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान (ए०सी०एफ०) 2024-25 जनपद की कुल आबादी का 20 प्रतिशत शहरी एवं ग्रामीण मलिन बस्तियों एवं हाई रिस्क जनसंख्या (एच.आई.वी. एवं डायबिटीज) की मलिन बस्तियों, अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार आदि में चलाया जायेगा। यह जनपद के क्षेत्र जैसे लल्लापुरा, मलियाना, साबुन गोदाम, मकबरा डिग्गी, पुलिस लाईन.. सकूर नगर, तारापुरी, जय भीम नगर, पुरानी तहसील, लावड, रजपुरा, कसेरू बक्सर, रोहटा, सरूरपुर, जानी, भूडबराल, माछरा, मवाना, हस्तिनापुर, आदि में 886399 जनसंख्या पर चलाया जायेगा। जिसके लिए 290 टीमें बनाई गयी है जो घर-घर जाकर टीबी के मरीजों को खोजेगी। इन टीमों का सुपरविजन करने के लिए 53 प्रशिक्षित सुपरवाईजरों की टीम कार्य करेगीं। जिसमें संबंधित क्षेत्र के चिकित्सा अधिकारियों एवं जिला स्तरीय टीम द्वारा पर्यवेक्षण किया जायेगा।
ए.सी.एफ. सुपरवाइजर द्वारा घर-घर जाकर टीबी के लक्षणों के आधार पर टीबी मरीजों को खोजेगें। मरीजों का बलगम एकत्रित कर जांच हेतु नजदीकी डीएमसी पर भेजेगे। टीबी पाये जाने पर इलाज शुरू किया जायेगा। व टीबी मरीज को निक्षय पोषण योजना के तहत रूपये 500 प्रति माह टीबी के मरीज के खाते में भुगतान किया जायेगा।
उप जिला क्षय रोग अधिकारी विपुल कुमार ने बताया जिले में अब जिले में टीबी प्रीवेटिंग ट्रिटमेंट भी आरंभ हो गया है। जिसमें माध्यम से टीबी मरीजों के सम्पर्क में रहने वाले लोगों तीन माह का उपचार दिया जा रहा है। इसमें सप्ताह में बार तीन गोली की डोज खानी होती है। यह उपचार 15 साल से ऊपर वालाें के लिए उपलब्ध है। पांच साल से छोटे बच्चों को छह माह तक आईएनएस के माध्यम से उनका प्रीवेटिंव उपचार किया जा रहा है।
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