डॉक्टरों ने 40 साल के मरीज को दिया नया जीवन
मेरठ। मैक्स के चिकित्सकों ने कि्डनी ट्रांसप्लांट लाइफ सेविंग सर्जरी कर मरीज को नया जीवन दान दिया है। मरीज का बदकिस्मती से मरीज का पहला ट्रांसप्लांट असफल रहा था। मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ्य है।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज में एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर वरुण वर्मा ने इस केस की जटिलता के बारे में बताया मरीज की हालत काफी संवेदनशील थी और उनका पिछले ट्रांसप्लांट फेल हो चुका था, इसलिए हमें पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के हिसाब से तैयारी करनी थी। हमने डिसेन्सीटाइजेशन से शुरू किया, जिसने एंटीबॉडी के स्तर को कम कर दिया ताकि एक सफल ट्रांसप्लांट हो सके। ओपन किडनी ट्रांसप्लांट वाली सर्जरी की गई और मरीज की रिकवरी अच्छी रही। मरीज राहुल पर ट्रांसप्लांट का अच्छा असर हुआ और उनकी किडनी ठीक से काम करने लगी।
इस मामले में मरीज के किडनी फंक्शन को स्थिर करना अहम था, क्योंकि मरीज की हिस्ट्री एंड स्टेज रीनल डिजीज (ईएसआरडी) की थी और उनका पिछला ट्रांसप्लांट फेल हो चुका था। ट्रांसप्लांट के बाद किडनी फंक्शन को स्थिर बनाए रखना यह सुनिश्चित करता है कि शरीर नई किडनी को स्वीकार करता है और अपशिष्ट को फिल्टर करने व फ्लूड को बैलेंस करने जैसे जरूरी काम कर सकता है। इस फंक्शन में किसी भी रुकावट से ग्राफ्ट फेल हो सकता है, इंफेक्शन या सेप्सिस जैसे कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं।
डॉक्टर वरुण ने आगे कहा, ''सर्जरी के बाद पहले हफ्ते में मरीज की हालत स्थिर प्रोग्रेस वाली रही, यूरिनरी इंफेक्शन की वजह से बुखार हुआ क्योंकि मल्टी ड्रग-रेजिस्टेंस स्यूडोमोनास दिया जाता है। एंटीबायोटिक और अन्य दवाओं की मदद से टीम ने इंफेक्शन को सफलतापूर्वक मैनेज किया। इंफेक्शन को कंट्रोल करने और सर्जरी के बाद किडनी के बेहतर प्रदर्शन को सुनिश्चित करने की टीम की क्षमता, ट्रांसप्लांट की लंबे समय तक की सफलता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण थी।''एक सप्ताह के अंदर मरीज का किडनी फंक्शन सुचारू होने लगा और हर दिन 3.7 लीटर यूरिन प्रोड्यूस होने लगा।
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