कुष्ठ रोगी खाेजी  अभियान में मिले 11 कुष्ठ रोगी ,उपचार आरंभ 

 मेरठ। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत कुष्ठ रोगी खोजी अभियान जनपद  02 सितम्बर 2024 से 15 सितम्बर तक चलाया गया जिसमें घर-घर सर्च अभियान के लिए 4255 टीमों का गठन किया गया। इन टीमों के सुपरविजन के लिए 863 सुपरवाइजर को तैनात किया गया सर्च टीमों द्वारा घर-घर जाकर कुष्ठ रोग के बारे में विस्तार से बताया गया। इस कार्यक्रम के दौरान कुल संदिग्ध केस 1329 पाये गये इन सभी संदिग्ध रोगियों की जांच करा ली गई है। इनमें से 11 लोगो में कुष्ठ रोग की पुष्टि की गयी है तथा इन सभी 11 रोगियों का एम.डी.टी. द्वारा इलाज प्रारम्भ कर दिया गया है।

 जिला कुष्ठ अधिकारी डा. राजबाला तोमर ने बताया कुष्ठ एक संक्रामक रोग है जो विशेषकर हाथ-पैर या त्वचा पर गंभीर विकृत घाव का कारण बनता है, कुछ लोगों में ये तंत्रिकाओं की क्षति का कारण भी बनता है। कुष्ठ रोग सदियों से चली आ रही बीमारी है, लेकिन यह बहुत संक्रामक नहीं होता है। अनुपचारित कुष्ठ रोग से पीड़ित किसी व्यक्ति की नाक और मुंह से निकलने वाली बूंदों के निकट और बार-बार संपर्क में आने के कारण ही इसका संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।  वयस्कों की तुलना में बच्चों में कुष्ठ रोग होने की आशंका अधिक होती है।

कुष्ठ रोग मुख्य रूप से त्वचा को प्रभावित करता है। कुछ लोगों में इसके कारण मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के बाहर की नसों से संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं। मुख्य लक्षणों में विकृत रूप से त्वचा में घाव, गांठ या उभार हो सकते हैं। घावों में पीलापन अधिक देखा जाता है। रोग बढ़ने पर भौहें/पलकें गायब होने, दर्द, लालिमा और जलन की दिक्कत भी बढ़ जाती है।
कुष्ठ रोग का उपचार संभव है और ये इसके प्रकार पर निर्भर करता है। संक्रमण को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जाता है, आमतौर पर 6 महीने से एक साल तक इलाज चल सकता है। हालांकि अगर रोगी को तंत्रिकाओं में क्षति की समस्या है तो इसके लिए अन्य उपचार को प्रयोग में लाया जाता है।

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