आईएएस-कोचिंग के सामने से कार निकालने वाले शख्स को जमानत
आरोप- एसयूवी की स्पीड से प्रेशर बढ़ा, बेसमेंट में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत
नई दिल्ली,एजेंसी।दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में 27 जुलाई को राव आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट के सामने से SUV लेकर निकलने वाले मनुज कथूरिया को दिल्ली की एक अदालत ने 50 हजार रुपए के बेल बॉन्ड पर जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि कथूरिया को अति-उत्साह में इस मामले में आरोपी बनाया गया। मनुज को सोमवार (29 जुलाई) को गिरफ्तार किया गया था।
मनुज पर आरोप था कि उन्होंने राजेंद्र नगर में पानी भरी सड़क पर तेज रफ्तार में गाड़ी निकाली जिसकी वजह से कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट का दरवाजा टूट गया और पानी बेसमेंट में भर गया, जिसमें डूबने से तीन छात्रों की जान चली गई। दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि उन्होंने छात्रों की मौत के मामले में SUV ड्राइवर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का कड़ा आरोप वापस लेने का फैसला किया है।
मनुज को 29 जुलाई को गिरफ्तार किया गया। बुधवार (31 जुलाई) को मजिस्टेरियल कोर्ट ने मनुज की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ मनुज ने सेशंस जज में याचिका लगाई थी। हालांकि एडिशनल सेशंस जज राकेश कुमार ने मनुज को आदेश दिया है कि वे इस केस के संबंध में प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कोई बयान नहीं देंगे।
बीते 48 घंटे में जांच के दौरान सामने आया कि इस स्टेज पर भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 105 (गैर-इरादतन हत्या) का केस नहीं बनता है। इसकी पुष्टि तब होगी जब IIT दिल्ली की एक्सपर्ट टीम स्पॉट पर जाकर जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।इसलिए फिलहाल आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 281 (तेज रफ्तार में ड्राइव करना या सार्वजनिक रास्ते पर ड्राइव करना) के तहत केस बनता है। इस पर कोर्ट को जो सही लगेगा वह आदेश दे।
मामले को देखने पर समझ आता है कि याचिकाकर्ता को अति-उत्साह में इस मामले में आरोपी बनाया गया है। उन पर भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 105 (गैर-इरादतन हत्या) का केस दर्ज किया गया, जो गैर-जमानती है।बेसमेंट फ्लोर के 840 स्क्वायर यार्ड के साइज को ध्यान में रखते हुए, जब इन्वेस्टिगेशन अफसर से शाम 6:45 बजे (घटना का समय) और फिर उसके बाद के CCTV फुटेज के बारे में पूछा गया तो अफसर ने नेगेटिव में जवाब दिया।
सीनियर एडवोकेट विकास पाहवा ने कहा कि प्रॉसिक्यूशन जरूरी साइंटिफिक डेटा मुहैया कराने में नाकाम रहा है। इसमें हादसे के वक्त सड़क पर मौजूद पानी का क्यूबिक वॉल्यूम और SUV द्वारा डिस्प्लेस किए गए पानी का वॉल्यूम नहीं बताया गया। न ही उस लोहे के गेट की टेंसाइल स्ट्रेंथ बताई गई है, जिस पर पानी के डिस्प्लेस होने का असर पड़ा।इन जरूरी मेजरमेंट्स के बिना याचिकाकर्ता के एक्शन और कोचिंग सेंटर को हुए डैमेज के बीच सीधे तौर पर कोई लिंक नहीं बनाया जा सकता है।
बुधवार को हाईकोर्ट में राउ IAS कोचिंग की घटना को लेकर सुनवाई हुई। इसमें हाईकोर्ट ने म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली (MCD) को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा- इस तरह की घटनाएं सिस्टम की नाकामी है। ये सब अफसरों की मिलीभगत से हुआ है।
दिल्ली हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव की बेंच ने कहा कि सभी ब्लेम-गेम खेल रहे हैं। किसी एक की जिम्मेदारी तय करनी होगी। MCD अधिकारियों से पूछो कि नाली कहां है तो नहीं बता पाएंगे, क्योंकि वे अपने AC ऑफिस से बाहर ही नहीं निकलते। जूनियर अफसरों को सस्पेंड करके कुछ नहीं होगा।
वहीं हाईकोर्ट ने मनुज कथूरिया की गिरफ्तारी को गलत बताया। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस क्या कर रही है? क्या उनका दिमाग खराब हो गया है? इस घटना की जांच करने वाले अधिकारी क्या कर रहे हें? क्या ये कोई कवर-अप है? इसके बावजूद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने शाम को मनुज कथूरिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
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