इश्क के भूत ने पति को उतार डाला मौत के घाट
7 साल बाद कोर्ट पत्नी व आशिक को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
मुरादाबाद ,एजेंसी। इश्क अंधा होता है। कब किसी सवार हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता है। मुरादाबाद में शादीशुदा महिला को इश्क का ऐसा भूत सवार हुआ कि उसने प्रेमी संग मिलकर अपने ही पति को मार डाला। उसने सोचा कि अब ताउम्र अपने बॉयफ्रेंड के साथ मजे से जिंदगी गुजारेगी। लेकिन वो कहते हैं न कि अपराधी चाहे खुद को जितना भी शातिर क्यों न समझे, एक न एक दिन कानून के हत्थे जरूर चढ़ता है। यहां भी ऐसा ही हुआ। अपराधी महिला और उसका प्रेमी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। मामले में 7 साल बाद कोर्ट ने आरोपी महिला, उसके प्रेमी और एक अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उन पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
सूखा राम ने भाभी प्रेमवती पर अवैध संबंधों के चलते पति के अपहण का आरोप लगाया। बोला- प्रेमवती का शादी के बाद अपनी ही बहन के देवर राजकुमार के साथ अफेयर था। नारायण सिंह को इस बात की भनक लग गई थी। तब से पति-पत्नी में अनबन रहती थी। सूखा राम ने कहा- प्रेमवती ने ही राजकुमार से प्रेम संबंधों के चलते दो अन्य लोगों के साथ मिलकर नारायण सिंह का अपहरण कर लिया होगा।तहरीर में कहा गया कि उसने व साथी सुनील ने राजकुमार को 6 नवंबर को दो अन्य साथियों के साथ प्रेमवती के घर में बात करते देखा था। पुलिस ने तहरीर के आधार पर छानबीन शुरू की। कॉल डिटेल और पूछताछ में पुलिस को सुराग मिले। गुमशुदगी को लेकर पुलिस ने केस का खुलासा करते हुए पत्नी प्रेमवती व राजकुमार व एक अन्य से पूछताछ की। घटना के एक दिन बाद ही नारायण सिंह की लाश गागन नदी के पुल के नीचे से बरामद हुई।
पुलिस ने नामजद पत्नी प्रेमवती व प्रेमी राजकुमार से कड़ी पूछताछ की। 16 जनवरी 2018 को अदालत में चार्जशीट पेश की गई। केस की सुनवाई एडीजे कोर्ट संख्या-एक मोहम्मद फिरोज की अदालत में हुई। एडीजीसी अशोक यादव ने बताया कि अदालत में आरोपियों के बयान व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दोषी माना गया।
एडीजीसी अशोक कुमार यादव ने बताया कि नारायण सिंह की पत्नी व उसके प्रेमी के खिलाफ घटना के दौरान हुई कॉल डिटेल पर्याप्त सबूत बनी। केस की सुनवाई में 13 गवाहों ने अदालत में बयान दर्ज कराए। अभियुक्तों ने नारायण सिंह की लाश को गागन पुल के नीचे दबा दिया। पुलिस शव को निशानदेही पर बरामद कर सकी।
ये था मामला
मामला नवंबर 2017 का है. मैनाठेर के गांव महमूदपुर माफी का नारायण सिंह 6 नवंबर 2017 को अचानक घर से लापता हो गया था. भाई सूखा राम ने 10 नवंबर 2017 को रिपोर्ट दर्ज कराई था. कहा- उसका छोटा भाई नारायण सिंह गायब हो गया है। नारायण की पत्नी प्रेमवती 6 नवंबर से पति को गायब बता रही है। अभियुक्तों ने नारायण सिंह की लाश को गागन पुल के नीचे दबा दिया। पुलिस शव को निशानदेही पर बरामद कर सकी। कॉल डिटेल के आधार पर आरोपियों की पहचान की गयी।
16 जनवरी 2018 को चार्जशीट पेश की गई
अदालत ने महिला प्रेमवती, राजकुमार व सहयोगी बनवारी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद व 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.
केस में 13 गवाह पेश, कॉल डिटेल ने खोले राज
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