सुभारती विश्वविद्यालय के भाषा विभाग में संकाय संवर्धन हेतु कार्यशाला आयोजन

 मेरठ। भाषा विभाग- कला एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के भाषा विभाग के अंतर्गत सीओपीओ मैपिंग के साथ परिणाम प्राप्ति का विश्लेषण विषय पर एक  दिवसीय  महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला की मुख्य वक्ता स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय मेरठ की विज्ञान संकाय की आचार्य डॉ नीरू सिंह रही।
कार्यशाला का प्रारंभ अतिथि विशेषज्ञ डॉ नीरू सिंह,  विभागाध्यक्ष डॉ सीमा शर्मा, प्रोफेसर डॉ राजेश्वर पाल, बुद्धिस्ट कॉलेज से उपस्थित आचार्य, उदार कला एवं मानविकी विभाग से आचार्यों  ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का प्रारंभ किया। सर्वप्रथम कार्यशाला के परिचयात्मक और स्वागत संबोधन में बोलते हुए  विभागाध्यक्ष डॉ सीमा शर्मा ने कार्यशाला में उपस्थित  अतिथि विशेषज्ञ और समस्त आचार्यों का अभिनंदन और सम्मान करते हुए इस कार्यशाला की विशेषता बताते हुए कहा कि यह कार्यशाला अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यशाला है। इसके आयोजित किए जाने का मुख्य उद्देश्य हमारे महत्वपूर्ण संकाय और विभागों के आचार्यों को कोर्स आउटकम प्रोग्राम आउटकम की प्रक्रिया को समझने और उसका विश्लेषण करना के विषय में बताना है।

 इस कार्यशाला के उद्देश्य और महत्व पर बोलते हुए  विभागाध्यक्ष डॉ सीमा शर्मा ने कहा कि यह कार्यशाला हमारे लिए अत्यंत उपयोगी है और हमें इसके महत्व को समझना होगा और उसी के अनुरूप अपने अध्यापन में निपुणता और कुशलता लानी होगी है। विभाग अध्यक्ष महोदय ने इस अवसर पर विषय विशेषज्ञ  को पादप भेंट कर भारतीय संस्कृति की परंपरा का निर्वहन किया। तत्पश्चात  विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित मुख्य वक्ता डा नीरू सिंह ने डिजिटल श्यामपट पर पीपीटी के माध्यम से बहुत ही विस्तार पूर्वक विस्तृत रूप से कार्यशाला के मुख्य विषय सी ओ पी ओ मैपिंग के साथ परिणाम प्राप्ति का विश्लेषण पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया ।

विशेषज्ञ ने इस विषय की प्रक्रिया के प्रत्येक स्तर को बहुत ही सुगमता और सरलता के साथ समस्त उपस्थित आचार्यों को सिखाया और उनके जिज्ञासा पूर्ण प्रश्नों का समाधान प्रस्तुत किया । उन्होंने ने बताया कि इस कार्यशाला का  उद्देश्य शिक्षण की प्रक्रिया को बेहतर तरीके से अपनाना और उन्हें समझना है । कोर्स आउटकम और प्रोग्राम आउटकम काम यह दोनों शिक्षण की महत्वपूर्ण अवधारणा है जिससे हम छात्र -छात्राओं का शिक्षा के प्रत्येक स्तर पर विश्लेषण करने में सक्षम होते हैं। ज्ञान, कौशल, योग्यता और व्यवहार के द्वारा इनका विशेषण किया जा सकता है ।मुख्य वक्ता ने चार्ट और ग्राफ के माध्यम से सरलता पूर्व इस विश्लेषण की प्रक्रिया को समस्त आचार्य वर्ग को समझाया। कार्यशाला के प्रश्न उत्तर सत्र में समस्त आचार्यों ने अपने जिज्ञासा पूर्ण प्रश्नों के द्वारा अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया । इस अवसर पर बोलते हुए भाषा विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डा राजेश्वर पाल ने कहा कि  यह कार्यशाला अत्यंत प्रेरणादायक और उपयोगी रही। निस्संदेह कार्यशाला बहुत ही महत्वपूर्ण है परंतु  इसके व्यावहारिक पक्ष को अपनाते हुए आगे आने वाले समय में इस प्रकार की कार्यशाला का पुनः आयोजन किया जाना उचित होगा। अंत में डॉ रफत खानम ने कार्यशाला की मुख्य वक्ता का धन्यवाद ज्ञापन  किया और सभी को संबोधित करते हुए विभागाध्यक्ष  महोदय से अनुरोध किया कि इस प्रकार की कार्यशाला सभी आचार्यों के हित में प्रत्येक माह में एक बार अवश्य आयोजित की जाए ।इस कार्यशाला में भाषा विभाग के समस्त आचार्य  प्रोफेसर  डा राजेश्वर पाल , डा रणवीर सिंह,  डॉ मनीषा लूथरा, स्वाति शर्मा ,डॉ अनुज बावरा  डा फराह हाशमी  डा शोभा रतूड़ी सहित बुद्धिस्ट कॉलेज के डा पल्लवी मुखर्जी , डॉ संजय ,डॉ श्रीदा ,उदार कला एवं मानविकी विभाग की डा नियति गर्ग और  श्रीमती  रुबी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ शोभा रतूड़ी द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में सामूहिक छाया चित्र लेते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया ।

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