सरधना सीएचसी खुले परिसर में गर्भवती महिला ने दिया मृत बच्चे को जन्म
सीएचसी में तड़पती रही गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता, कर्मचारी करते रहे आराम
डीएम ने जांच कमेटी बनाई ,48 घंटे में देगी रिपोर्ट
मेरठ। मानवता को शर्मसार करने का एक मामल सामने आया है। सीएचसी सरधना में एक गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता परिसर में दर्द से तड़पती रही। लेकिन स्वास्थ्य कर्मचारी आराम से सोते रहे। जिसके चलते दुष्कर्म पीड़िता ने खुले परिसर में एक मृत बच्चे को जन्म दिया। इस मामले डीएम दीपक मीणा ने जांच कमेटी बनायी है। जो अपनी रिपोर्ट 48 घंटे में देगी। इसमें सीएचसी के कर्मचारियों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।
वहीं, खून से लथपथ दुष्कर्म पीड़िता के दर्द से किसी का दिल नहीं पसीजा। किशोरी की हालत बिगड़ने पर थाना पुलिस सीएचसी पहुंची और स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही का विरोध किया। साथ ही इस बड़ी लापरवाही से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया।
बता दें कि थाना क्षेत्र के एक गांव में आठ माह की दुष्कर्म पीड़िता की हालत बिगड़ने पर परिजन सरधना सीएचसी लेकर पहुंचे। लेकिन स्वास्थ्य कर्मचारियों ने एडमिट करने से इंकार कर दिया। सभी कर्मचारी एसी के कमरों में आराम से सोते रहे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया है। बाद में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सवाल उठाता है। स्वास्थ्य मंत्री बेहतर स्वास्थ्य का ढिढोरा पीट रहे है। तो फिर खुले में गर्भवती महिला खुले में प्रसव के लिए मजबूर होना पड़ा है।
इस मामले में सीएमओ डा. अखिलेश माेहन से जानकारी लेने का प्रयास किया उनका कहना था मामला उनकी जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है लापरवाही कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वही इस मामले को डीएम दीपक मीणा ने गंभीरता से लेते हुए एडीएम वित्त सूर्यकांत त्रिपाठी की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। समिति को 48 घंटे में जांच कर संयुक्त रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
डीएम दीपक मीणा ने बताया में मीडिया के माध्यम से सरधना सीएचसी में नाबालिग रेप पीड़िता के साथ प्रसव के लिए पहुंचने पर लापरवाही की जानकारी मिली है। उक्त घटना को लेकर एडीएम वित्त सूर्यकांत त्रिपाठी, एसीएम चतुर्थ रशिम बरनवाल,और एसीएमओ डा. प्रवीण गौतम की संयुक्त जांच समिति का गठन किया गया है। जो अपनी रिपोर्ट 48 घंटे में देगी ।
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