जनसंख्या को लेकर  सामाजिक संस्थाओं ने किया कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन

मेरठ। देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए सामाजिक संस्थाओं ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि सरकार के आंकड़े कहते हैं कि लगभग 36 करोड़ लोग गरीबी रेखा में जीवन व्यापन कर रहे हैं, क्या जनसंख्या वृद्धि को रोक बिना देश की गरीबी को दूर किया जा सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपते हुए कानून बनाए जाने की मांग रखी है।

सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश तलवार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सैकड़ों कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने नुक्कड़ नाटक के द्वारा बढ़ती जनसंख्या कैसे विनाशकारी हो सकती है, उसके बारे में बताया। उनका कहना है कि सरकार के आंकड़े के अनुसार लगभग 36 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं, जो देश के लिए खतरा है। भारत में आज जितनी भी समस्या है, उनके मूल में कहीं ना कहीं जनसंख्या वृद्धि कारण है। लेकिन अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। आबादी जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उसे जल्द ही हमारा विश्व में स्थान नंबर एक हो गया है।

सामाजिक संस्थाओं ने मांग रखते हुए कहा कि एक बच्चे वाले पति-पत्नी को जिला स्तर पर सम्मानित किया जाए।टीवी चैनल द्वारा जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों को बताना चाहिए।राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग को प्रभावित बनाएं।वर्ष 1992 से लंबित पड़ा दो बच्चों का विधेयक सदन में बहस के लिए प्रस्तुत करें।दो से अधिक बच्चे वाले दंपती किसी भी स्तर पर चुनाव न लड़ने दिया जाए।चीन द्वारा अपनाई गई नीति पर विचार करें।जनसंख्या नियंत्रण का संदेश फिल्मी कलाकारों, क्रिकेटर्स द्वारा दिलाया जाए।जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा राज्य स्तर पर पुरस्कार परंपरा प्रारंभ की जाए।सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या दिवस की घोषणा करें।हम दो हमारे दो को पूरे देश में पुनः लागू करें और प्रभावी बनाएं।

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