मुजफ्फरनगर  में शिक्षक की हत्या का असर मेरठ में देखने को मिला 

शोक सभा कर कार्य का किया बहिष्कार , मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व दस करोड़ के मुआवजे की रखी मांग 

मेरठ।मुजफ्फरनगर में सिपाही ने अपनी सरकारी कार्बाइन से शिक्षक को मौत के घाट उतार दिया। इसका असर मेरठ में भी देखने को मिला। शिक्षकों ने घटना की निंदा करते हुए मृतक शिक्षक की आत्मा की शांति के लिए शोक सभा का आयोजन किया और कार्य बहिष्कार कर विरोध जताया।

 शिक्षकों का कहना था कि ऐसे  सनकी पुलिसकर्मी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और पीड़ित परिवार को 10 करोड़ रुपए देने की मांग की हैं।

वेस्टर्न कचहरी रोड स्थित एनएएस इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य आभा शर्मा ने बताया कि मुजफ्फरनगर में शिक्षक धर्मेन्द्र कॉपी लेकर आए थे। उनके साथ एक इंस्पेक्टर, सिपाही व अन्य कर्मचारी थे। तभी चंद्रप्रकाश तंबाकू मांगने लगा था। जिसका शिक्षक धर्मेंद्र ने विरोध किया। इसी वजह से आक्रोषित होकर चंद्र प्रकाश ने अपनी सरकारी 

इसी बात से नाराज शिक्षक संघ की ओर से एनएएस इंटर कॉलेज में शोक सभा का आयोजन किया गया। सभा में मौजूद वरिष्ठ शिक्षकों ने घटना की निंदा करते हुए फांसी की सजा दिलाने की मांग की, उनका कहना है कि पुलिस का व्यक्ति शिक्षकों की सुरक्षा के लिए जाता है। यदि रक्षा ही भक्षक बन जाएंगे तो काम कैसे होगा। ऐसे अपराधी को बचाना नहीं चाहिए। उन्होंने मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 10 करोड रुपए देने की भी मांग की है।

 ये था मामला 

चंदौली जिले के रामगढ़ के बैराठ निवासी धर्मेंद्र शिक्षक थे। वें वाराणसी से कॉपी लेकर संतोष कुमार के साथ चले थे। उनके साथ इंस्पेक्टर नागेंद्र चौहान, सिपाही चंद्र प्रकाश व अन्य दो कर्मचारी जितेंद्र मौर्य और कृष्ण प्रताप थे। उन्होंने प्रयागराज, शाहजहांपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद और बिजनौर में कॉपियां उतार कर मुजफ्फरनगर पहुंचे थे। तभी सिपाही तंबाकू मांगने लगा। जिस वजह से सिपाही और शिक्षक में बहस हो गई। तभी सिपाही ने सरकारी कार्बाइन से धर्मेन्द्र को गोली मार दी।

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