अनशन पर बैठे विधायक अतुल प्रधान में अपनी सम्पत्ति को सावर्जनिक कर डाक्टरों को खुली चुनौती 

 बोले हिम्मत है तो वे अपनी सम्पत्ति को सार्वजनिक कर दिखाए 

 इनकम टैक्स और जीएसटी  विभाग से चिकित्सकों की जांच करने की मांग की 

 आंदोलन को बडा रूप देने के लिए आगामी 11 दिसम्बर को बुलाई महापंचायत 

मेरठ।  निजी अस्पतालो में चल रही आम जनता से लूट खसौट पर लगाम कसने के पर तीन दिन से कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन पर बैठे सरधना विधायक ने चिकित्सकों द्वारा उन पर लगाए गये आरोप के बाद चौथी अपनी सम्पत्ति को सार्वजिनक करते हुए चिकित्सकों को खुली चुनौती दी है। उन्होनें कहा है दम तो चिकित्सक अपनी सम्पित्त को सार्वजनिक कर दिखाए। अतुल प्रधान ने प्राइवेट चिकित्सकों के द्वारा दिए जा रहे इनकम टैक्स व जीएसटी की जांच की  मांग दोनो विभागों से की है। आंदोलन को तेज करने के लिए उन्होंने आगामी 11 दिसम्बर को महापंचायत बुलाई है।

न्यूटिमा हॉस्पिटल से शुरू हुई सपा विधायक अतुल प्रधान और प्राइवेट डॉक्टर्स के बीच चल रही जुबानी जंग अब और तेज हो गई। प्राइवेट डॉक्टर्स के आरोपों के बाद विधायक ने एफिडेविट देकर अपनी पैतृक और निजी संपत्ति सार्वजनिक कर डाली है और ये एलान किया है कि इससे अलग मेरी संपत्ति हो तो सरकार जब्त कर ले। विधायक अतुल प्रधान ने डॉक्टर्स को खुली चुनौती दी है कि हिम्मत है तो अपनी संपत्ति सार्वजनिक करें और कोरोना काल से लेकर अब तक की कमाई का ब्यौरा दें।उन्होंने ये भी मांग कर डाली कि ओपीडी करने वाले प्राइवेट डॉक्टर्स की जीएसटी और इनकम टैक्स विभाग जांच करें और इनके ऑफिस में बैठ जाएं।

चार दिन से भूख हड़ताल पर बैठे विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि मैं अकेला और सारे प्राइवेट डॉक्टर्स खुले मंच पर जनता के बीच डिबेट कर लें। इतना ही नहीं 11 दिसंबर को आमरण अनशन स्थल पर अतुल प्रधान ने महापंचायत का भी ऐलान कर दिया है । जिसमे हजारों लोगों के जुटने का दावा किया है।विधायक ने जनता से आह्वान किया है की प्राइवेट डॉक्टर्स की सद्बुद्धि के लिए अपने घर के बाहर दो मोमबत्ती भी जलाएं, उन्होंने आरोप लगा कि निजी अस्पतालों में लूट बढ़ी है।  और कई हॉस्पिटल 10 से 100 प्रतिशत तक ज्यादा बढ़ाकर वसूल रहें हैं और मैं इन्ही कमजोर की तरफ खड़ा हूं। उन्होंने ये भी कहा कि कई डॉक्टर्स अपने पेशे पर कलंक हैं।

उन्होंने कहा कोरोना काल में शहर के प्राइवेट डाक्टरों ने अपनी फीस पांच रूपये एक हजार कर दी है । उन्होंने मांग की है। शहर के चिकित्सकों को ओपीडी में देखने की फीस दो सौ रूपये  होनी चाहिए ।एक -एक चिकित्सक अपनी ओपीडी में  सौ से अधिक मरीज देखता है।  इसके अतिरिक्त चिकित्सकों के मरीज अस्पतालाें में भर्ती रहते है। उनकी विजिट भी काफी होती है। 

   बहन भी अनशन का समर्थन करने  में पहुंची 

   कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन पर बैठे विधायक अतुल प्रधान की बहन डा. रंजीता भी पहुंची। उनका बेटा भाई के साथ सोता था। भाई के अनशन पर बैठने के कारण वह रात को ठीक से सो नहीं पा रहा है। उन्होंने बताया वह भाई के साथ सोता था। उन्होंने कहा उनका भाई आम जनता की लडाई लड रहा है। ऐसे में आम जनता को आगे आना चाहिए है। जिनके खुन पसीने की कमाई को प्राइवेट चिकित्सक जांच के नाम पर लूट रहे है। 

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