बसपा अकेले दम पर लड़ेगी लोकसभा चुनावः मायावती
- समीक्षा बैठक में बोलीं- अटल है यह फैसलालखनऊ (एजेंसी)।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि लोकसभा आमचुनाव अकेले अपने बलबूते पर लड़ने का उनका फैसला अटल है। चुनाव में किसी एक पार्टी का वर्चस्व नहीं रहेगा और मुकाबला बहुकोणीय होगा। जनता भी इसके लिए अपना मन बना चुकी है। बसपा सुप्रीमो बृहस्पतिवार को यूपी और उत्तराखंड के पार्टी पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों के साथ चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर रही थीं।
पार्टी प्रदेश मुख्यालय में आयोजित विशेष बैठक में पार्टी के कार्यक्रमों, उसकी तैयारियों, कैडर बैठकों तथा उम्मीदवारों के चयन आदि की समीक्षा भी हुई। उन्होंने कहा कि केन्द्र व यूपी सरकार की जनविरोधी नीतियों एवं कार्यप्रणाली आदि के कारण तेजी से बदल रहे हालात में किसी एक पार्टी का वर्चस्व नहीं होकर बहुकोणीय संघर्ष का रास्ता चुनने को लोग आतुर लग रहे हैं। ऐसे में लोकसभा का अगला आमचुनाव दिलचस्प, संघर्षपूर्ण और व्यापक जनहित व देशहित में साबित होने की प्रबल संभावना है जिसमें बसपा की अहम भूमिका रहेगी।
इससे पहले उन्होंने पिछली बैठक में दिये गये दिशा-निर्देशों पर जमीनी स्तर पर होने वाले अमल की जिला व मण्डलवार समीक्षा रिपोर्ट ली। साथ ही कमियों को दूर करके आगे बढ़ने के लिये नये दिशा-निर्देश दिये। पार्टी संगठन तथा सदस्यता आदि की जिम्मेदारी की सख्त हिदायत देते आगामी संसदीय चुनाव के लिए बेहतर कैडर व्यवस्था के आधार पर युवा मिशनरी लोग भी तैयार करने का अपना निर्देश दोहराया। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा के लिये फिर से यहां माहौल काफी गरमाने लगा है तथा सरगर्मियां शुरू हो गयी हैं।
मायावती ने कहा कि यूपी की भाजपा सरकार में सभी जिलों में समग्र विकास के बजाय कुछ गिने-चुने जिलों में ही सरकारी धन व्यय को प्राथमिकता दी जा रही है, जिस तरह सपा शासनकाल में कुछ चुनिन्दा जिले ही सरकारी कृपादृष्टि के पात्र हुआ करते थे। इस संकीर्ण राजनीति से जनता पहले की तरह ही दुखी व त्रस्त है।
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