छात्रों को  एनईपी से संबधित नियमों व योजनाओं की दी जानकारी 

 मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि के  मनोविज्ञान विभाग में स्नातक, परास्नातक एवं पीजी डिप्लोमा इन गाइडेंस एंड काउंसलिंग के नए छात्र-छात्राओं के साथ ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। प्रोग्राम में मुख्य अतिथि की भूमिका में चीफ वार्डन प्रोफेसर दिनेश कुमार रहे। प्रोग्राम के दौरान छात्र-छात्राओं को विभाग के शिक्षकों द्वारा विश्वविद्यालय परिसर एवं मनोविज्ञान विभाग  स्थित विभिन्न प्रकार के संसाधनों, विभाग की कार्य विधि, एनईपी से संबंधित नियम, एवं भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया गया।

 मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि ओरिएंटेशन प्रोग्राम का उद्देश्य नए छात्र-छात्राओं को किसी संस्थान में होने वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को बताना होता है ताकि छात्र बिना किसी परेशानी के अपनी जरूरतों को पूरा कर शिक्षा ग्रहण कर सकें। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में छात्र-छात्राओं को अपनी जिंदगी में सफल होना है तो इसके लिए उन्हें अपने लक्ष्यों की शिक्षकों की सहायता से एक सूची बना लेनी चाहिए और जिस लक्ष्य के लिए वह अपने आप को सबसे ज्यादा लायक समझते हों उस पर ही उन्हें अपना समय और ऊर्जा लगानी चाहिए। जिससे सफलता की संभावनायें प्रवल हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि विवि हो या कोई और संस्थान, वह उन्हें औपचारिक शिक्षा तो दे सकता है परंतु समाज में रहना, सबका सम्मान करना और समाज में किस प्रकार से हमें स्वस्थ संबंधों को जीना है यह हमें खुद सीखना होता है। विभागाध्यक्ष प्रो संजय कुमार ने छात्र-छात्राओं को विभाग की उपलब्धियां को बताने के साथ-साथ कहा कि छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ जीवन जीवन को खुशनुमा एवं संपूर्ण बनाने के लिए विभिन्न जीवन कौशलों को सीखना आवश्यक होता है। जिसके द्वारा हम भविष्य में किसी भी जगह पर कार्य करके सफल एवं सुखद जीवन बिता सकते हैं। छात्र-छात्राओं को विशेष रूप से विभाग में 75% अटेंडेंस उपस्थिति की अनिवार्यता को बताया गया। इस दौरान विभाग के पूर्व विद्यार्थी मंजर इस्लाम, सागर तोमर, श्रुति, एव॔ वर्तमान विद्यार्थी जैनव रिजवी, व सपना पुनियां ने विभाग के बारे में अपने अनुभव व विचार साझा किये। कार्यक्रम के दौरान विभाग के शिक्षक प्रो0 अल्पना अग्रवाल, सागर तोमर, स्वाती यादव, रिशु शर्मा, रूपा शर्मा व कार्यक्रम में सहयोग कर रहे परास्नातक विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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