अनियमित मासिक चक्र का कारण जेनाइटल टीबी भी हो सकती है : डा. योगेश गुप्ता

ग्रामीण आशा कार्यकर्ताओं का तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

अंतिम दिन टीबी के बारे में दी गई जानकारी

 

हापुड़, 28 अक्टूबर, 2023मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी के कुशल  निर्देशन में शनिवार को ग्रामीण आशा कार्यकर्ताओं के पहले बैच का तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। पुराना जिला महिला अस्पताल स्थित पीपीसी (जच्चा-बच्चा केंद्र)कोठीगेट के सभागार में आयोजित प्रशिक्षण के आखिरी दिन का विषय ट्यूबरक्लोसिस (तपेदिक) रखा गया था। पीपीसी प्रभारी डा. योगेश गुप्ता ने मुख्य रूप से जेनाइटल टीबी (जननांग तपेदिक) पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षण सत्र को ट्रेनर प्रियंका ने भी संबोधित किया।

डा. योगेश गुप्ता ने  कहा - मासिक चक्र अनियमित होने का कारण जेनाइटल टीबी भी हो सकता है। जेनाइटल टीबी में कुछ लक्षण सामान्य टीबी जैसे ही होते हैंजैसे - वजन कम होनाथकान रहना और हल्का बुखार। इसके साथ ही जेनाइटल टीबी की पहचान पेल्विक क्षेत्र में दर्द और अनियमित माहवारी से भी की जाती है। जेनाइटल टीबी होने पर सामान्य से बहुत ज्यादा रक्तस्राव होने लगता है। उपरोक्त लक्षण आने पर महिला रोग विशेषज्ञ के पास जाकर जांच कराने की सलाह दें। यानि किसी भी महिला को अनियमित माहवारी को गंभीरता से लेने की सलाह दें।



प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए टीबी उन्मूलन कार्यक्रम से जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने पल्मोनरी (फेफड़ों) टीबी के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने पावर पाइंट प्रजेंटेशन के जरिए यह समझाने का प्रयास किया कि पल्मोनरी टीबी ‌कैसे फैलती है। उन्होंने बताया - हंसतेबोलते और छींकते समय मुंह से निकलने वाले ड्रॉपलेट के जरिए पल्मोनरी टीबी का संक्रमण निकट संपर्किंयों को अपनी चपेट में ले लेता है। इसलिए क्षय रोगी को खुले और हवादार कमरे में रहने की सलाह दी जाती है। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि क्षेत्र में जाएं तो क्षय रोगी को बंद स्थान पर मॉस्क अवश्य प्रयोग करने की सलाह देंसाथ ही गृह भ्रमण के दौरान यदि किसी को दो सप्ताह से अधिक खांसीवजन कम होनेबुखार रहनेसीने में दर्द रहने या थकान रहने की जानकारी मिले तो उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर टीबी की जांच कराने की सलाह देंऔर बताएं टीबी से डरने की जरूरत नहीं है। जांच के बाद यदि टीबी की पुष्टि होती है तो सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपचार की सुविधा है।

पीपीएम समन्वयक ने बताया - उपचार जारी रहने के दौरान रोगी को निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह पांच सौ रुपए सरकार की ओर से दिए जाते हैं। यदि किसी में टीबी के लक्षण हों और वह जांच कराने में लापरवाही कर रहा है तो उसकी जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय को दें। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ), धौलाना संजय बालियान ने एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी के बारे में बताया। उन्होंने बताया - शरीर के किसी भी अंग में टीबी हो सकती हैएक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबीपल्मोनरी टीबी की तरह सांस के जरिए नहीं फैलती। सभी प्रकार की टीबी नियमित उपचार के बाद पूरी तरह ठीक हो जाती है। उपचार पूरा होने तक दवा न छोड़ें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में विकास सैनी का भी सहयोग रहा।

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