मुख्तार के बेटे उमर सुप्रीमकोर्ट से नहीं मिली राहत
कोर्ट ने प्राथिमिकी रद्द करने से किया इनकार
नई दिल्ली (एजेंसी)।
सुप्रीम कोर्ट ने नफरती भाषण के मामले में गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। मामला 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान का है।
उमर अंसारी के साथ उनके विधायक भाई अब्बास अंसारी भी मामले में आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे हैं। उन पर मऊ जिले में एक रैली में मंच साझा करने का आरोप है, जहां उनके भाई ने कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों को परिणाम भुगतने की धमकी दी थी।
जस्टिस हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि हम ऐसे मामले में एफआईआर को रद्द नहीं करेंगे, जहां हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है। आपको मुकदमे का सामना करना होगा। दरअसल, अब्बास अंसारी ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मऊ सदर सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी)-समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। इस दौरान उन्होंने जीत भी दर्ज की थी।
अब्बास पर आरोप है कि उन्होंने एक सार्वजनिक रैली में कहा था कि राज्य में सरकार बनने के बाद पहले छह महीनों तक किसी भी राज्य के अधिकारी का तबादला नहीं किया जाएगा, क्योंकि उन्हें उनसे हिसाब बराबर करना है।
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