एक तिहाई कर्मचारी पर चल रहा बोर्ड आफिस 

 जरूरी 270 की काम रहे 93 कर्मचारी,दबाव में कार्य कर रहे कर्मचारी 

 मेरठ। यूपी बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय जिसके अंतर्गत प्रदेश के 17 जिले आते है। जहां पर लाखों संख्या  में छात्र छात्राएं पढ़ रहे है। ऐसे छात्रों के रिकॉर्ड का रखरखाव क्षेत्रीय कार्यालय के लिए काफी मुश्किल हो रहा है। कर्मचारियों व अधिकारियों के रिटायर मैंट होने से यहां पर कर्मचारियों व अधिकारियों की संख्या एक तिहाई रह गयी है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते है। कि किस परिस्थिति वहां के कर्मचारी व अधिकारी कार्य कर रहे होंगे।



 यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय सचिव कमलेश कुमार का कहना है  कि कार्यालय में काम करने के लिए 270 कर्मचारियों व अधिकारियों की जरूरत है। वर्तमान समय में मात्र 93 अधिकारी व कर्मचारी ही सभी कार्य देख रहे है। विभाग को 177 अधिकारियों व कर्मचारियों की सख्त जरूरत है। जिसमें एक उप सचिव , दो सहायक सचिव 63 बाबू 18  वरिष्ठ सहायक ,. 17 प्रधान सहायक व अन्य शामिल है। 
उन्होंने विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों के रिटायर होने के बाद  राज्य सरकार की ओर से कोई भर्ती नहीं हो पा रही है। जिसके कारण यह रिक्तियां बढ़ती जा रही है। एक बार एसएससी के माध्यम से पांच नये कर्मचारी आये थे। जिसमें से दो छोडकर चले गये। स्थिति जस की तस बनी हुई। है। एक-एक कर्मचारी से कई पटल का कार्य लिया जा रहा है। जिसके कारण काम का बोझ बढ़ गया है।
  शासन को लिखा पत्र 
  उन्होंने बताया शिक्षा  विभाग में कर्मचारियों व अधिकारियों की भर्ती शासन स्तर से हाेती है। विभाग में कर्मचारियों व अधिकारियों की कमी के बारे में  लिखित रूप से बताया जा चुका है। लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। 
  17 जिले के लोग बोर्ड कार्यालय आते है 
 यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में 17 जिले के हाईस्कूल व इंटर कालेज आते है। रिजल्ट में तकनीकी खामियों को ठीक कराने के  लिए छात्र व उनके परिजन आते है। लेकिन काम को ठीक कराने के लिए उन्हें महीनों लग जाते  है। इसका सबसे बडा कारण कर्मचारी का सीट पर न मिलना । एक कर्मचारी को अन्य पटलों को कार्य मिलने के कारण लोगों इसका सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पडता है। 

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