सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा आज से 

पांच साल के बच्चों को घर -घर जाकर आशा कार्यकर्ता देंगी ओआरएस के पैकेट 

मेरठ, 6 जून 2023 । बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए बुधवार से जनपद में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा आरंभ होगा, जो 22 जून तक चलाया जाएगा। इस दौरान संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर पांच वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट)  पैकेट का वितरण करेंगी। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने प्रदेश के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेज कर दिशा निर्देश जारी किये हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.  अखिलेश मोहन ने  बताया सघन दस्त पखवाड़ा मनाने का उद्देश्य बाल्यावस्था में दस्त के दौरान ओआरएस और जिंक के उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में दस्त के प्रबंधन एवं उपचार के लिए गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ ही उच्च प्राथमिकता व अतिसंवेदनशील समुदायों में जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने बताया दस्त रोग बच्चों की मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। इसका उपचार ओआरएस और जिंक की गोली मात्र से किया जा सकता है। दस्त रोग विकासशील देशों में अधिक व्यापक रूप से मौजूद है जिसका मुख्य कारण दूषित पेयजल, स्वच्छता एवं शौचालय का अभाव तथा पांच वर्ष तक के बच्चों का कुपोषित होना है।

डॉ. मोहन ने बताया गंभीर तीव्र अतिकुपोषित, मध्यम गंभीर कुपोषित (सैम-मैम) बच्चों में डायरिया होने की आशंका अधिक हो सकती है। आमतौर पर बार-बार डायरिया के कारण बच्चे कुपोषण का शिकार हो सकते हैं अतः डायरिया से बचाव के लिए कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया - पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की सूची बनाई जा रही है। पखवाड़ा के दौरान पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक-एक ओआरएस पैकेट का वितरण किया जाएगा। प्रयास रहेगा कि बच्चे की निर्जलीकरण की स्थिति में घर में ही तत्काल ओआरएस व जिंक टैबलेट के जरिए प्रबंधन हो सके।

न करें लापरवाही 

ओआरएस और जिंक उपयोग के बाद भी डायरिया (दस्त) ठीक न होने पर बच्चे को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर लें जाएं। इसके अलावा ऐसे बच्चों को तत्काल स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाएं यदि बच्चा सुस्त या चैतन्य अवस्था में न हो।  बच्चे की आँखे धंसी हुई हो। बच्चा कुछ भी नहीं पी पा रहा हो एवं कुछ भी पीने में कठिनाई हो रही है। मल में खून आ रहा हो।

दस्त के दौरान बच्चों को ओआरएस एवं तरल पदार्थ दें

बीमारी के दौरान और बीमारी के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान व ऊपरी आहार तथा भोजन देना जारी रखें।दस्त बन्द हो जाने के उपरान्त भी जिंक की खुराक दो माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार कुल 14 दिनों तक जारी रखें (दो से छह माह तक आधी गोली मां के दूध के साथ दी जाए एवं सात माह से पांच वर्ष तक एक गोली ) जिंक का प्रयोग करने से अगले दो या तीन महीने तक डायरिया होने की सम्भावना कम हो जाती है। खाना बनाने से पूर्व एवं बच्चे का मल साफ करने के उपरान्त साबुन से हाथ धो लेना चाहिये। डायरिया को फैलने से रोकने के लिये शौचालय का उपयोग करना चाहिये।

मिशन निदेशक ने पत्र में निर्देश दिया है कि पखवाड़े के मध्य दस्त रोग से यदि किसी बच्चे की मृत्यु होती है तो ऐसे केसों की जानकारी आशा अपने सामुदायिक / प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक / प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को अवश्य दें। प्रभारी अधिकारी सभी केसों की सूचना संकलित कर जनपदीय नोडल अधिकारी को उपलब्ध करायेंगे, जिसकी सूचना तत्काल राज्य स्तर पर उपलब्ध करायी जाये।


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