मुस्लिम आरक्षण कोटे का मामला
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक बयानबाजी पर लगाई रोककहा- कुछ शुचिता रहनी चाहिए
नई दिल्ली (एजेंसी)।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को न्यायालय में विचाराधीन मामले पर राजनीतिक बयानबाजी होने पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि शुचिता बनाए रखना जरूरी है। कोर्ट अब इस मामले पर जुलाई में सुनवाई करेगा।
बता दें कि कर्नाटक में राज्य सरकार ने मुस्लिमों के चार प्रतिशत आरक्षण को खत्म कर दिया था और उनकी जगह लिंगायतों और वोक्कालिगा समुदाय को दो-दो प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया था। सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस बीवी नागरत्न और जस्टिस अहसानुद्दीन अमनुलाज ने सुनवाई के दौरान कहा कि 'जब मामला कोर्ट में विचाराधीन है और अदालत ने मुस्लिम कोटे को लेकर आदेश दिया हुआ है तो फिर इस पर कोई राजनीतिक बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। यह सही नहीं है। कुछ शुचिता बरकरार रहनी चाहिए।' याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि 'हर दिन गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक में इसे लेकर बयानबाजी कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने चार प्रतिशत मुस्लिम कोटा हटाया। ऐसे बयान क्यों दिए जा रहे हैं?'
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