लू के प्रकोप से बचाव/प्रबंधन हेतु संबंधित विभागों एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दिशा निर्देश 

वृद्धों, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखे

मेरठ। गर्मी के बढ़ते प्रकोप के दृष्टिगत जिलाधिकारी  के निर्देशन में पंकज  वर्मा, अपर जिलाधिकारी (वि०रा०) द्वारा लू के प्रकोप से बचाव/प्रबंधन हेतु संबंधित विभागों एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मेरठ को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए हैं। जनपद में तैनात आपदा विशेषज्ञ, दीपक कुमार द्वारा बताया गया कि जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण पूरे विश्व मे गर्मी की तीव्रता लगातार बढ़ रही है। यह मनुष्य द्वारा ग्रीन हाउस गैसो के अधिक उत्सर्जन का भी प्रभाव है। हाल के वर्षों में हीटवेव भारत में भी एक जलवायु संबंधी खतरे के रूप में उभरी है। प्रत्येक वर्ष माह मार्च से जून के दौरान प्रदेश के कई जनपद में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला जाता है जिससे प्रदेश के अधिकांश भागों में लोग हीटवेव (लू) से मनुष्य एवं जंतु प्रभावित होते हैं। अतः हीटवेव (लू) से बचने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मेरठ द्वारा जनहित में निम्न उपाय जारी किए गए हैं-

 क्या करे  क्या न करे 
क्या करें-घर से बाहर निकलते समय गमछा, टोपी, चश्मा एवं छाते का प्रयोग करें, हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहने तथा कड़ी धूप से बचें, पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ जैसे छाछ, लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू का पानी के का सेवन करे, प्यास की इच्छा न होने पर भी पानी बार-बार पिये, निर्जलीकरण से बचने के लिए ओआरएस घोल का प्रयोग करें, यात्रा करते समय पानी हमेशा साथ में रखें, संतुलित हल्का व नियमित भोजन करें, खाना बनाते समय की खिडकी, दरवाजे एवं रात को खिडकियां खुली रखे, जिन खिड़कियों और दरवाजों से गर्म हवा आती हैं उन पर रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमिनियम पन्नी गत्ते या काले पर्दे लगाये,

वृद्धो, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखे, अधिक परिश्रम के बीच में आराम भी करें, घर की छत पर सफेद रंग का पेन्ट करे, जहां तक सम्भव हो घर में ही रहे और सूर्य के सम्पर्क से बचे,  स्थानीय मौसम के पुर्वानुमान को सुने और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहे, लू लगने के लक्षणों को पहचानें, यदि कमजोरी लगे, सिर दर्द हो, उल्टी महसूस हो, मासपेशियों में ऐठन हो और चक्कर आये तो तुरंत डाक्टर को दिखाये, लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपड़ों से पीछे अथवा नहलाये या शरीर के ऊपर पानी का स्प्रे करें, आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें, जानवरो को छाया में बांधे और उन्हें पर्याप्त पानी पिलाये।

क्या न करें-चाय, काफी एवं शराब का सेवन न करें, तेज धूप में बाहर न निकले, अधिक गर्मी में व्यायाम न करें, धूप में खडे वाहनो में बच्चो एवं पालतू जानवरो को न छोडे, अधिक प्रोटीन वाले तथा बासी खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।

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