बहुविवाह, 'निकाह हलाला' का मामला

 याचिकाओं की सुनवाई करेगी पांच जजों की बेंच
नई दिल्ली (एजेंसी)। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह मुस्लिमों में बहुविवाह और निकाह हलाला की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए ‘‘उचित स्तर’’ पर पांच न्यायाधीशों की नई संविधान पीठ का गठन करेगा।
इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका दायर करने वाले वकील अश्विनी उपाध्याय ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ से आग्रह किया था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 494 चालबाजी, हलाला आदि की अनुमति देती है और इसे रद्द करने की आवश्यकता है।
पिछले साल 30 अगस्त को, जस्टिस इंदिरा बनर्जी, हेमंत गुप्ता, सूर्यकांत, एमएम सुंदरेश और सुधांशु धूलिया की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय आयोग बनाया था। अल्पसंख्यकों  ने जनहित याचिकाओं के पक्षकारों से जवाब मांगा है।
उपाध्याय ने अपनी जनहित याचिका में बहुविवाह और 'निकाह हलाला' को असंवैधानिक और अवैध घोषित करने का निर्देश देने की मांग की है।

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