आईआईएमटी विश्वविद्यालय और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के बीच एमओयू साइन
- आईआईएमटी विश्वविद्यालय के छात्रों के व्यक्तित्व में मानवीय मूल्यों का समावेश होगामेरठ। आईआईएमटी विश्वविद्यालय और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के बीच एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर हस्ताक्षर किये गए। न्यास के प्रयासों से विषयों के वैकल्पिक पाठ्यक्रम पर काम किया जा रहा है। देशभर में संगोष्ठियों, कार्यशालाओं और परिचर्चाओं के बाद ‘शिक्षा में नए विकल्प’ पर काम किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति में भी न्यास के सुझावों को शामिल किया गया है। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहनजी गुप्ता, प्रति कुलाधिपति डा0 मयंक अग्रवाल ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के साथ एमओयू को छात्रों के लिये हितकारी बताते हुए अपनी शुभकामनाएं दीं।
एमओयू साईन किये जाने के अवसर पर आईआईएमटी विश्वविद्यालय की कुलपति डाॅ दीपा शर्मा ने शिक्षा के साथ-साथ मानवीय मूल्यों पर भी जोर देने के लिए न्यास के प्रयासों की सराहना की। कुलपति जी ने कहा की इस एमओयू के साइन किये जाने से विश्वविद्यालय के छात्रों के व्यक्तित्व में मानवीय मूल्यों का समावेश होगा और उनमें एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक बनने की भावना भी विकसित होगी।
2007 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व प्रचारक दीनानाथ मिश्रा और डाॅ अतुल कोठारी ने शिक्षा बचाओ आंदोलन के तहत शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की स्थापना की थी। न्यास के मेरठ प्रांत संयोजक डाॅ वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि न्यास का गठन शिक्षा बचाओ देश बचाओ के उद्देश्य से किया गया था। 2015 में न्यास ने भारतीय भाषा मंच का गठन किया था। न्यास के मेरठ प्रांत के अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि भारत में भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सभी लोगों से कम से कम दो भाषाओं को सीखने का आह्वान किया है।
इस अवसर पर आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा0 वीपी राकेश, डीएसडब्लू डा0 नीरज शर्मा, प्रो0 नरेन्द्र मिश्रा, डीन एसओएएच डा0 सुभाष गौतम मौजूद रहे।
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