लोक सेवकों के सम्मान का दिन है आज- कॉउलिबैली डी. हेर्वे

मेरठ। बागपत रोड स्थित विद्या नॉलेज पार्क में गुरुवार को विद्या इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी और गोल्डन स्पैरोज् के संयुक्त तत्वावधान में संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस का आयोजन किया गया। इसमें अन्तर्राष्ट्रीय जगत की हस्तिाआंे के साथ देश के लब्ध-प्रतिष्ठित वक्ताओं ने विचार प्रकट किये। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पश्चिम अफ्रीका के राजनयिक कॉउलिबैली डी. हेर्वे मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि आज के दिन संयुक्त राष्ट्र लोक सेवकों की सेवा को सम्मान देते हुये सार्वजनिक क्षेत्र में युवाओं को कैरियर बनाने के लिये प्रेरित करता है। इस मौके पर सभी वक्ताओं ने कहा कि पूरी दुनिया के विकास में लोक सेवकों की महती भूमिका रही है। उन्होंने आधारभूत ढांचा निर्माण से लेकर सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि कोविड जैसे महामारी के समय में चाहे वह सार्वजनिक क्षेत्र के चिकित्सक हों या प्रशासनिक अधिकारी, या कर्मचारी, सभी लोगों ने दिन-रात सेवा की। 

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र प्रत्येक वर्ष 23 जून को लोक सेवा दिवस मनाता है जिसका उद्देश्य सार्वजनिक सेवा के मूल्य और गुणों को मान्यता देना है। 2030 तक सतत विकास के माध्यम से संपूर्ण विकास के लक्ष्य को हासिल करना है। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और विद्यागान के साथ हुआ। विद्या इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी की निदेशिका डा.रीमा वार्ष्णेय ने सभी अतिथियों का स्वागत पौध भेंट कर किया। इसके बाद ऑल इंडिया रेडियो एफएम रेनबो की आरजे आरती मल्होत्रा और गिनिज वर्ल्ड रिकार्ड विजेता व लेखक डा.तिलक तंवर ने पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। आरती मल्होत्रा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के 17 लक्ष्यों में एक लक्ष्य है नेटवर्किंग जिसके माध्यम से विभिन्न संस्थाओं के साथ संवाद कर समस्याओं के समाधान की दिशा में पहल कर रही हूं। डा.तिलक ने बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और कल्याण के माध्यम से इस लक्ष्य को हासिल करने की वकालत की।

पैनल चर्चा में आईसीएस के निदेशक परिमल कुमार ने कहा कि यदि समस्या है तो अवसर भी है और जितनी समस्याएं हैं उतने अवसर भी हैं, जरूरत बस उन्हें पहचानने की है। अनु गुप्ता जैने ने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक, आध्यात्मिक और सामाजिक स्वास्थ्य की चिंता भी जरूरी है। दुःख है तो इससे कैसे निकलना है, इसके उपाय सोचने होंगे। स्वरलीन कौर ने कहा कि यह देखना जरूरी है कि दुनिया में आप सबसे अलग कैसे हैं? कहा कि जीवन में कठिन श्रम का कोई छोटा रास्ता नहीं है। हॉटवे थर्मल टेक के सीईओ शफीउल्लाह खान ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ उद्यमी बनने का मंत्र साक्षा किया। कहा कि नौकरी करने से एक परिवार चलता है और उद्योग लगाने से कई परिवारों का भरण-पोषण होता है। नवाचार एक विचार है जिससे दुनिया को बदला जा सकता है। देश ने हमें क्या दिया, इससे पहले हमें यह सोचना होगा कि बिना शर्त के हम देश को क्या दे रहे हैं? बीना यादव ने लैंगिक असमानता पर कहा कि बदलाव बहुत हुआ है, लेकिन क्या यह काफी है? निर्णय लेने के लिये साहस चाहिये। सर्जिकल हब की संस्थापक दिव्या कपूर ने कहा कि लैंगिक असमानता को दूर करने के लिये घर से पहल करनी होगी। मीनाक्षी चौहान राणा ने कहा कि व्यक्ति स्वयं आत्मनिर्भर होगा तभी वह लोक सेवा भी कर सकता है। पेशेवर सिंगर, मॉडल गुलशन सुमन ने कहा कि जीवन का स्तंभ राग और द्वेष पर टिका है। आपका परिवेश से संबंध कैसे हैं, इसका आकलन करना चाहिये। इस मौके पर उपस्थित विद्यार्थियों ने वक्ताओं से प्रश्न भी पूछे। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न तथा विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये। 

कार्यक्रम का संयोजन आरती मल्होत्रा और डा.तिलक तंवर के साथ विद्या इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी की निदेशिका डा.रीमा वार्ष्णेय ने किया। संचालन छात्रा अनुष्का त्यागी, अनम सैफी, दीक्षा बुद्धिराजा और प्रेक्षा जैन ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की विभागाध्यक्ष डा.ममता भाटिया के साथ फैशन, फाईन आर्ट विभागों के प्राध्यापकगण और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।  

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