महाराष्ट्र के बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
- याचिका पर पांच दिन के भीतर मांगा जवाबमुंबई (एजेंसी)।
महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर पांच दिन के भीतर जवाब मांगा है। कोर्ट अब इस मामले में 11 जुलाई को सुनवाई करेगा। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बागी मंत्रियों पर कार्रवाई करते हुए उनके मंत्रालयों को छीन लिया है।
अदालत ने अयोग्यता नोटिस की वैधानिकता को चुनौती देने वाले बागी विधायकों की याचिकाओं पर जवाब मांगा। हालांकि, शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, जिसमें विधानसभा में बहुमत परीक्षण नहीं कराए जाने का अनुरोध किया गया था। अदालत ने कहा कि वे किसी भी अवैध कदम के खिलाफ उसका रुख कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने महाराष्ट्र सरकार को शिवसेना के 39 बागी विधायकों और उनके परिवार के जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति की सुरक्षा करने का निर्देश भी दिया। महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को नोटिस जारी करते हुए उच्चतम न्यायालय ने उन्हें बागी विधायकों द्वारा दिए गए अविश्वास प्रस्ताव नोटिस को हलफनामा रिकॉर्ड में रखने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वकील के उस बयान को भी रिकॉर्ड में लिया कि बागी विधायकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
इससे पहले बागी विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन के कौल ने पीठ को बताया कि विधायक दल का उद्धव ठाकरे समूह ‘‘अल्पमत’’ में है और ‘‘राज्य की व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है।’’ कौल ने कहा कि मुंबई में इन विधायकों के लिए माहौल अनुकूल नहीं है क्योंकि उन्हें धमकी दी गई है। महाराष्ट्र के शिवसेना विधायक और मंत्री एकनाथ शिंदे ने उपाध्यक्ष द्वारा उन्हें और अन्य बागी विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है।
उल्लेखनीय है कि शिंदे और बड़ी संख्या में विधायकों ने 21 जून को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत की और वर्तमान में वे असम के गुवाहाटी में हैं।
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मुंबई (एजेंसी)।
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच शिवसेना नेता संजय राउत को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमीन घोटाले मामले में उन्हें समन भेजा है और कल पेश होने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि संजय राउत को ये समन प्रवीण राउत और पात्रा चॉल भूमि घोटाले से जुड़े मामले में भेजा गया है।
यह मामला 2007 का है। तब महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की सरकार थी। मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख थे। जिस एचडीआईएल ने ये दोनों घोटाले किए थे, उसके डायरेक्टर प्रवीण राउत, सारंग वधावन, राकेश वधावन हैं। प्रवीण राउत और सारंग को 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। दोनों से पूछताछ में संजय राउत का कनेक्शन सामने आया। प्रवीण राउत शिवसेना सांसद संजय राउत के दोस्त हैं। प्रवीण का नाम भी पीएमसी बैंक घोटाला मामले में सामने आ चुका है। पता चला कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा को 55 लाख रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया था, जिसका इस्तेमाल राउत परिवार ने दादर में एक फ्लैट खरीदने के लिए किया था।



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