वर्कशॉप में मॉलिक्यूलर डॉकिंग की तकनीकी से अवगत कराया गया

 मेरठ।  सीसीएस के जंतु विज्ञान विभाग में चल रहे कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशॉप इन निमेटोड टैक्सोनोमी और सॅटॅलाइट सिम्पोजियम ऑन एडवांसेज इन निमेटोलोज का चौथा दिन गुरुवार 24 मार्च को संपन्न हुआ। 

 बुधवार को दिखाए गए मॉलिक्यूलर एनालिसिस की तर्ज पर आज भी मॉलिक्यूलर डॉकिंग की तकनीकी से अवगत कराया गया । डॉकिंग से नए.नए दवाओं के और वैक्सीन के चयन में आने वाली परेशानियों का समाधान निकला जा सकता है बायोफिजिक्स और बायोकेमिस्ट्री के मूलभूत सिद्धांतों का उपयोग करके ये सारी जानकारी डॉ. मनोज कुमार, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली ने दी स इस जानकारी से के साथ साथ सॉफ्टवेर का इस्तेमाल करके उन्होंने खुदसे से डॉकिंग करने की प्रक्रिया भी समझाई। डॉ.मनोज कुमार को प्रो लाल, प्रो. मल्होत्रा और प्रो. चौबे ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया । अपराह्न में प्रो. संदीप कुमार मल्होत्रा और अनीता यादव ने कैमरा लुसिडा के उपयोग से नीमेटॉड की सही आकृति बनाने की तकनीक सिखाया ।कैमरा लुसिडा को माइक्रोस्कोप में लगाकर सूक्ष्मदर्शी जीव.जन्तुओं की मोर्फोलोजी और व्यवहार का अच्छे तरह से अवलोकन किया जा सकता है। प्रो. मल्होत्रा और अनीता ने आर टूल्स से स्टेटक्राफ्ट भी समझाया जिससे शोध में सही सांख्यिकी करने की सीख मिली।  इसका उपयोग करते हुए अच्छे रिसर्च आर्टिकल्स लिखने में सहायता मिलेगी।  इस पूरी वैज्ञानिक गतिविधि का आयोजन प्रोफेसर अशोक कुमार चौबे निमेटोलोजी लैब ने 21 से 30 मार्च तक किया है जिसमें उनकी लैब के शोधार्थियों डॉ. आशा राणा, श्रेयांश, सुमन, लवली, काजोल, हिमानी, आशना और हीना ने कार्यभार संभाला है । 

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