सात मार्च से शुरू होगा मिशन इंद्रधनुष 4.0 का प्रथम चरण

गर्भवती और दो वर्ष तक के बच्चों को लगाए जाएंगे टीके
आशा कार्यकर्ताओं को सीएचसी सरधना व सरूरपुर पर दिया गया प्रशिक्षण

 मेरठ, 3 मार्च 2022। जनपद में सात मार्च से आरंभ हो रहे मिशन इन्द्रधनुष अभियान के लिये स्वास्थ्य विभाग की तैयारी तेज हो गयी हैं। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान जिले में टीकाकरण से छूटे हुए दो वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती को टीके लगाने के लिए जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों(सीएचसी)  पर आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बुधवार को सीएचसी सरधना एवं सरूरपुर पर प्रशिक्षण दिया गया।
सीएचसी सरधना के प्रभारी डा. सचिन कुमार व सीएचसी सरूरपुर के प्रभारी डा. ओपी जायसवाल ने बताया-शासन से प्राप्त दिशा निर्देश के क्रम में सात मार्च से सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान 4.0 प्रारंभ होगा। इसके अंतर्गत शून्य से दो वर्ष के बच्चों एवं टीडी टीके से वंचित रही गर्भवती को आच्छादित किया जाएगा। इसके लिए बुधवार को आशा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी गई। उन्हें बताया गया कि टीकाकरण से कोई भी बच्चा और गर्भवती छूटने न पाए, शत प्रतिशत टीकाकरण कराएं।
अभियान में पोलियो, तपेदिक, खसरा, डिप्थीरिया, टिटनेस, डायरिया तथा हेपेटाइटिस.बी को रोकने के लिए सात टीके लगाए जाते हैं। इस अभियान के अंतर्गत यह टीका चिह्नित किए गए बच्चों और महिलाओं को घर-घर जाकर निशुल्क लगाया जाएगा। उन्होंने कहा अब कोविड-19 का संक्रमण कम हो गया है, इसी को देखते हुए मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण भी शुरू किया जाएगा।



 नोडल अधिकारी डा. प्रवीण गौतम ने बताया जिले में 1.14 लाख गर्भवती ,1.04 लाख शून्य से दो साल के बच्चे है, जिसमें से 84 प्रतिशत का टीकाकरण किया जा चुका है। छूटे हुए बच्चों व गर्भवती का टीकाकरण करना है। उन्होंने बताया गुरुवार को सीएमओ कार्यालय में मिशन इन्द्रधनुष 4.0 के लिए बनाये गये माइक्रोप्लान की समीक्षा की गयी।
क्या है सघन मिशन इंद्रधनुष
सघन मिशन इंद्रधनुष दरअसल विशेष टीकाकरण अभियान है। शून्य से दो वर्ष तक के बच्चे और गर्भवती जो नियमित टीकाकरण से छूट जाते हैं, विशेष अभियान चलाकर उन्हें टीके लगाए जाते हैं। इस अभियान का नाम इंद्रधनुष इसलिए रखा गया है क्योंकि इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं और इस अभियान के दौरान सात बीमारियों से प्रतिरक्षित करने के लिए टीके लगाए जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह टीकाकरण निशुल्क किया जाता है। इस अभियान के अंतर्गत बच्चों को सात खतरनाक बीमारियों-0 तपेदिक, पोलियो, हेपेटाइटिस.बी, डिप्थीरिया काली खांसी, टिटनेस और खसरा से बचाव के लिए टीके लगाए जाएंगे। इसके अलावा अभियान में गर्भवती को टीडी का टीका लगाया जाएगा।

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