आईआईएमटी में पधारे भगवान, राम दरबार, राधा-कृष्ण और शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा


मेरठ। छह दिवसीय पूजन के साथ आईआईएमटी विश्वविद्यालय परिसर स्थित सांई मंदिर परिसर में राम दरबार, राधा कृष्ण और शिव दरबार विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई। सोमवार को भव्य भंडारे के साथ प्राण प्रतिष्ठा का छह दिवसीय समारोह संपन्न हुआ। कुलाधिपति योगेश मोहनजी गुप्ता ने पूरे आईआईएमटी परिवार के साथ-साथ क्षेत्र के श्रद्धालुओं को राम दरबार, लीलाधर श्री कृष्ण और श्रीराधे के साथ शिव परिवार के विराजमान होने की शुभकामनाएं दी।
प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम विधि-विधान के साथ 16 फरवरी को आरंभ किया गया था। भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, राधा- कृष्ण, महादेव शिव, पार्वती, गणेश मूर्तियों की भव्य शोभा यात्रा के साथ कलश यात्रा निकाली गई।  17 फरवरी को सभी विग्रह को विधान के अनुसार जलाधिवास और 18 फरवरी को अनादिवास में ले जाया गया। 19 फरवरी को फलाधिवास और पुष्पाधिवास के साथ विग्रह का पूजन आरंभ किया गया। 20 फरवरी को कपासाधिवास और घृताधिवास के बाद भगवान के पूजन का शुभारंभ किया गया।
सोमवार को विश्वविद्यालय प्रबंधन ने पूजन शुरु करते हुए लक्ष्मी गणेश पूजन, वरुण पूजन, शांति कलश स्थापना की। वसोधारा और 21 ब्राह्मणों, 9 कन्याओं और एक बटुक के भोजन के साथ भव्य भंडारे का शुभारंभ किया गया। आईआईएमटी विश्वविद्यालय परिसर में शुरु हुए भंडारे में सारे दिन श्रद्धालु प्रसाद लेने के लिए आते रहे। मंदिर के पुजारी आचार्य श्रीगोपाल झा ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही मंदिर में विग्रह का पूजन, भोग, स्नान और भोग-आरती भी शुरु कर दिया गया है।पूजन के साथ आईआईएमटी विश्वविद्यालय परिसर स्थित सांई मंदिर परिसर में राम दरबार, राधा कृष्ण और शिव दरबार विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई। सोमवार को भव्य भंडारे के साथ प्राण प्रतिष्ठा का छह दिवसीय समारोह संपन्न हुआ। कुलाधिपति योगेश मोहनगुप्ता ने पूरे आईआईएमटी परिवार के साथ-साथ क्षेत्र के श्रद्धालुओं को राम दरबार, लीलाधर श्री कृष्ण और श्रीराधे के साथ शिव परिवार के विराजमान होने की शुभकामनाएं दी।
प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम विधि-विधान के साथ 16 फरवरी को आरंभ किया गया था। भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, राधा- कृष्ण, महादेव शिव, पार्वती, गणेश मूर्तियों की भव्य शोभा यात्रा के साथ कलश यात्रा निकाली गई।  17 फरवरी को सभी विग्रह को विधान के अनुसार जलाधिवास और 18 फरवरी को अनादिवास में ले जाया गया। 19 फरवरी को फलाधिवास और पुष्पाधिवास के साथ विग्रह का पूजन आरंभ किया गया। 20 फरवरी को कपासाधिवास और घृताधिवास के बाद भगवान के पूजन का शुभारंभ किया गया।
सोमवार को विश्वविद्यालय प्रबंधन ने पूजन शुरु करते हुए लक्ष्मी गणेश पूजन, वरुण पूजन, शांति कलश स्थापना की। वसोधारा और 21 ब्राह्मणों, 9 कन्याओं और एक बटुक के भोजन के साथ भव्य भंडारे का शुभारंभ किया गया। आईआईएमटी विश्वविद्यालय परिसर में शुरु हुए भंडारे में सारे दिन श्रद्धालु प्रसाद लेने के लिए आते रहे। मंदिर के पुजारी आचार्य श्रीगोपाल झा ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही मंदिर में विग्रह का पूजन, भोग, स्नान और भोग-आरती भी शुरु कर दिया गया है।

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