सीएचओ लाभार्थियों को बताएंगे कैसे लें योजनाओं का लाभ
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का प्रशिक्षण संपन्न
-          टीबी के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की योजना की भी दी गई जानकारी

 
हापुड़, 21 फरवरी, 2022। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) के दूसरे बैच के साथ ही सोमवार को टीबी का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हो गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में आयोजित प्रशिक्षण सत्र के दौरान उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की भी जानकारी दी गई। टीबी के लक्षणों, जांच और उपचार के बारे में जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश सिंह ने विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ ही अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रवीण शर्मा ने तम्बाकू से होने वाली बीमारियों के बारे में बताया। साथ ही सार्वजनिक स्थानों और सरकारी कार्यालयों में तंबाकू निषेध अधिनियिम की भी जानकारी दी।
प्रशिक्षण सत्र के दौरान प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के जिला समन्वयक परीक्षित तेवतिया ने बताया कि इस योजना के तहत पहली बार मां बनने पर सरकार की ओर से तीन किस्तों में पांच हजार रुपए की राशि प्रदान की जाती है ताकि जच्चा- बच्चा को बेहतर पोषण मिल सके। उन्होंने बताया- योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए घर बैठे ह‌ी “उमंग” एप के जरिए आवेदन किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कन्या सुमंगला योजना के बारे में भी विस्तार से बताया। इस योजना के तहत बालिकाओं को छह किश्तों में 15 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। तीन लाख तक की सालाना आय वाले परिवार इस योजना में पात्र होते हैं। 
सीएचओ प्रशिक्षण सत्र में आयुष्मान भारत योजना के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। बताया गया कि योजना के लाभार्थी परिवार हर साल पांच लाख तक का निशुल्क उपचार योजना से आबद्ध निजी और सरकारी अस्पतालों में प्राप्त करने के हकदार होते हैं। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थी परिवार के सभी सदस्यों के पास आयुष्मान कार्ड होना जरूरी है। आयुष्मान कार्ड योजना से आबद्ध चिकित्सालयों और सभी जन सुविधा केंद्रों पर निशुल्क बनाए जाते हैं।
 
टीबी की दवा नियमित रूप से खाना जरूरी : डीटीओ
 
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश सिंह ने प्रशिक्षण सत्र के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को बताया कि दो सप्ताह से अधिक खांसी, खांसते समय बलगम या खून आना, बुखार बने रहना, अचानक वजन कम होना और रात में सोते समय पसीना आना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। यदि उनके पास आने वाले मरीजों में से किसी में ऐसा कोई लक्षण हो तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजकर टीबी की जांच अवश्य कराएं। कम से कम छह माह तक नियमित रूप से दवा खाने पर टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। चिकित्सक की सलाह के बिना टीबी की दवा बंद नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट टीबी होने का खतरा रहता है। जिला कार्यक्रम समन्वयक और जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया टीबी की जांच सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क की जाती है। टीबी की पुष्टि होने पर निशुल्क उपचार की व्यवस्था है। 


 

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