सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का आदेश
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का हो सकता है मामलाः केंद्र
 मामले की एनआईए करे जांच 
नई दिल्ली (एजेंसी)। पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हाईकोर्ट को सभी रिकार्ड सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। 
सुनवाई के दौरान केंद्र ने राज्य सरकार पर कई आरोप लगाए। केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा का मामला दुर्लभ से दुर्लभ है। इसने हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदा किया है। पंजाब सरकार की ओर से गठित जांच कमेटी पर केंद्र ने कहा कि राज्य के गृहमंत्री भी इस मामले में जांच के दायरे में हैं। इसलिए वह जांच पैनल का हिस्सा नहीं हो सकते। 
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह मामला सीमा पार आतंकवाद का मामला है इसलिए एनआईए अधिकारी जांच में सहायता कर सकते हैं। वहीं मामले में पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। हमने एक जांच समिति बनाई है। यहां तक कि केंद्र द्वारा भी जांच समिति बनाई गई है। समिति पूरी तरह से खुली हुई है। किसी को भी जांच के लिए नियुक्त किया जा सकता है। 
राज्य को जांच करने का अधिकार नहीं 
मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि राज्य को विशेष रूप से जांच करने का अधिकार नहीं है। यह राज्य की कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं है। आगे कहा कि पीएम की सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और यह संसदीय दायरे में आता है। घटना की पेशेवर जांच की जरूरत है। 
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को आदेश दिया कि प्रधानमंत्री की पंजाब यात्रा के दौरान उनके यात्रा रिकॉर्ड को सुरक्षित व संरक्षित किया जाए। 

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