New Delhi -टेलीविजन संचार के सबसे विख्यात और आडियो-विजुअल के सबसे लोकप्रिय माध्यमों से एक है। 21 नवंबर को वल्र्ड टेलीविजन डे के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर, महादेव (सिद्धार्थ अरोड़ा, ‘बाल शिव‘), ज़फर अली मिर्जा (पवन सिंह, ‘और भई क्या चल रहा है?‘), कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘), (अक्षय म्हात्रे, ‘घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की‘) और विभूति नारायण मिश्रा (आसिफ शेख, ‘भाबीजी घर पर हैं‘) ने टेलीविजन के महत्व के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि कैसे एक महत्वपूर्ण माध्यम ने उनके कॅरियर को आकार देने और इंडस्ट्री का मशहूर सितारा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
सिद्धार्थ अरोड़ा, उर्फ एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ के महादेव ने कहा, ‘‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कितने विकसित हुए हैं और मनोरंजन के अन्य माध्यमों की तरफ हमने रुख किया है, लेकिन टेलीविजन हमेशा मनोरंजन से भरपूर देने कंटेंट देने के प्रमुख माध्यमों से एक है और रहेगा। मैंने थियेटर से अपने कॅरियर की शुरूआत की है और फिर मुझे टेलीविजन से ब्रेक मिला। उसके बाद से मैंने कभी फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। वैसे, इस मंच ने मुझे एक एक्टर के तौर पर तैयार किया, लेकिन टीवी ने मुझे मशहूर बनाया। हर मुश्किल किरदार और प्रोजेक्ट के साथ एक्टिंग का मेरा हुनर निखरता जा रहा है। मैं अपनी लोकप्रियता का सारा श्रेय इसे ही देता हूं। आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि आज मैं जो कुछ भी हूं, उसका बड़ा हिस्सा टेलीविजन है। यह हमेशा इसी तरह बना रहेगा।‘‘ पवन सिंह, ऊर्फ एण्डटीवी के ‘और भई क्या चल रहा है‘ के ज़फर अली मिर्जा कहते हैं, ‘‘मैं आज जो कुछ भी हूं, वह टेलीविजन ने मुझे बनाया है। ‘और भई क्या चल रहा है?‘ ने मुझे बेहद लोकप्रिय बनाया है, इससे बढ़कर मुझे दर्शकों का ढेर सारा प्यार और तारीफें मिली हैं। जब लोग मुझे मेरे स्क्रीन के नाम से बुलाते हैं और मेरी एक्टिंग स्किल की तारीफ करते हैं तो मुझे बहुत सुकून महसूस होता है। खुद के लिये बड़ा लक्ष्य तय करना और लोगों का लगातार मनोरंजन करते रहना, टीवी की वजह से संभव हो पाया है।‘‘
हिमानी शिवपुरी, ऊर्फ एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा कहती हैं, ‘‘मैंने अपने कॅरियर की शुरूआत थिएटर से की, इससे मुझे मेरी कला से बहुत मदद मिली, लेकिन दर्शक सीमित थे। जब मैं टेलीविजन में आयी, तब लोग घर-घर में मुझे जानने लगे थे और अपना परिचय दिया बिना ही, लोगों ने मुझे पहचानना शुरू कर दिया, क्योंकि मैं उनके घरों तक पहुंच गयी थी। मैंने फिल्में कीं लेकिन किसी ना किसी रूप में टेलीविजन पर आती रहीं। लोग अक्सर मुझसे सवाल करते थे कि आप इतनी अच्छी फिल्में कर रही हो, आप अब भी टेलीविजन में क्यों काम कर रही हैं? मैं उनसे हमेशा कहती, टेलीविजन वह सीढ़ी है जिसने मुझे प्रसिद्धि और प्यार दिया। अब मैं इस वजह से इस सीढ़ी को नहीं गिरा नहीं सकती कि फिल्मों में मुझे अलग-अलग भूमिकाएं मिल रही हैं। इसलिये, 90 के दशक में भी, मूवी सेट पर दो शिफ्ट के साथ भी मैंने टेलीविजन शो का एक शिफ्ट जारी रखा। मुझे अपने काम के लिये बहुत ज्यादा प्यार, ख्याति और प्रशंसा मिली है। टीवी के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि उसका अपने दर्शकों के साथ लंबा रिश्ता बन जाता है। चूंकि टीवी के कंटेंट लंबे होते हंै। यह एक दैनिक शो है, इसलिये किरदार दर्शकों के रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन जाते हैं और लोग आपसे ज्यादा करीब से जुड़ जाते हैं। मेरे पास ऐसे कई उदाहरण हैं जहां लोग कटोरी अम्मा के मेरे किरदार से जुड़ाव महसूस करते हैं और अपनी समस्याएं मुझसे साझा करते हैं। मुझे उनसे बेहद प्यार और स्नेह मिला है और एक तरह से टेलीविजन मेरे कॅरियर को लगातार आकार दे रहा है।‘‘
अक्षय म्हात्रे ऊर्फ एण्डटीवी के ‘घर एक मंदिर- कृपा अग्रसेन महाराज की‘ के वरुण अग्रवाल का कहना है, ‘‘भूमिकाओं की विविधता की वजह से मैं हमेशा से ही टेलीविजन एक्टर बनना चाहता था। टेलीविजन देखना, ज्यादातर घरों में मनोरंजन का पसंदीदा काम और आदत है। मनोरंजन के अलावा यह काफी सारी खबरें और जानकारियां देता है। मैंने टेलीविजन के साथ अपने कॅरियर की शुरूआत की थी और घर-घर में मशहूर बनाने का काफी श्रेय मैं इस माध्यम को देता हूं। इसने एक कलाकार के तौर पर बदलने में मेरी मदद की और नये किरदारों और भूमिकाओं में ढलने के लिये मुझे तैयार किया। आज मैं जो कुछ भी हूं उसका बहुत बड़ा श्रेय मैं टेलीविजन को देता हूं।‘‘
आसिफ शेख ऊर्फ एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के विभूति नारायण मिश्रा, कहते हैं, ‘‘इस साल वल्र्ड टेलीविजन डे, मेरे लिये विशेष रूप से खास है क्योंकि इस दिन उस माध्यम का जश्न मनाया जाता है, जिसने मुझे वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉड्र्स हासिल करने में मदद की। मैंने कम उम्र में ही थिएटर करना शुरू कर दिया था, जिसके बाद मैंने फिल्मों और टेलीविजन में काम किया। टेलीविजन ने मुझे दर्शकों से बेतहाशा सम्मान और प्यार हासिल करने में मदद की, खासकर ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मेरे किरदार के लिये। मुझे विभूति नारायण मिश्रा के रूप में पहचाना जाना पसंद है और मैं अपनी आगामी परफाॅर्मेंस के साथ हरेक दर्शक का मनोरंजन करना चाहता हूं।”
देखिये, ‘बाल शिव‘ 23 नवंबर से रात 8ः00 बजे, ‘घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की‘ रात 9ः00 बजे, ‘और भई क्या चल रहा है‘ रात 9ः30 बजे, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ रात 10ः00 बजे और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ रात 10ः30 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार, केवल एण्डटीवी पर!

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