कृषि कानून वापसी बिल हुआ पास
विपक्ष का जोरदार हंगामा, लोकसभा और राज्यसभा स्थगित
नई दिल्ली (एजेंसी)।संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। लोकसभा में विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 पेश किया, जिसे पास कर दिया गया। इस दौरान विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। बाद में लोकसभा की कार्रवाई मंगलवार तक स्थगित कर दी गई।
विपक्ष ने सरकार को किसान, महंगाई और तेल की कीमतों के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। संसद का यह सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा। संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होते ही लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया।
सरकार बैठ कर बात करे
राकेश टिकैत ने कहा है कि तीन मामलों का समाधान हो गया है। अभी 1 मामला बाकी है। एक साल में जो नुकसान हुआ है उस पर सरकार बैठ कर बात करे, समाधान निकल जाएगा। सरकार धोखे में रख कर, जालसाज़ी के साथ ग़लत बयानबाजी करके मामले को निपटाना चाहती है, तो उससे ये मामला खत्म नहीं होगा
सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार: पीएम
शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह संसद का एक महत्वपूर्ण सत्र है। सरकार हर विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार है, खुली चर्चा करने के लिए तैयार है। सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हमारी पहचान इस बात से हो कि हमने सदन में कितने घंटे काम किया, न कि इस बात से कि सदन में किसने कितना जोर लगाकर संसद को रोका। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के खिलाफ, नीतियों के खिलाफ, जितनी आवाज उठानी हो वह होनी चाहिए, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा, चेयर की गरिमा के विषय में हम वो आचरण करें, जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी के काम आए।
शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह संसद का एक महत्वपूर्ण सत्र है। सरकार हर विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार है, खुली चर्चा करने के लिए तैयार है। सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हमारी पहचान इस बात से हो कि हमने सदन में कितने घंटे काम किया, न कि इस बात से कि सदन में किसने कितना जोर लगाकर संसद को रोका। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के खिलाफ, नीतियों के खिलाफ, जितनी आवाज उठानी हो वह होनी चाहिए, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा, चेयर की गरिमा के विषय में हम वो आचरण करें, जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी के काम आए।
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