सीओ पर लगा दलाली का आरोप गाजियाबाद। एक ओर जहां योगी सरकार विकास का ढिंढोरा पीट रही है वहीं यूपी के कई हिस्से परेशानियों से जूझ रही है। जिनकी हालत देखने लायक नहीं है, यही वजह है विकासशील राज्य में रोजगार की कमी के कारण बड़ी संख्या में आबादी का पलायन आसपास के शहरों में हो चुका है केवल कृषि कार्य से जुड़े अधिकतर लोग यहां रहने के लिए मजबूर हैं ।
कस्बा फरीदनगर में शहरी क्षेत्र होने के बावजूद भी ग्रामीण क्षेत्रों में लागू चकबंदी अब कस्बे में भी थोपी जा रही है जिसकी आर जी आर एस के द्वारा भी जनसुनवाई पोर्टल पर कई बार शिकायत दर्ज करा चुके हैं मगर जिम्मेदार अधिकारियों ने फर्जी निस्तारण दिखाकर खानापूर्ति कर दी गई। फरीदनगर में जबरदस्ती थोपी गई चकबंदी प्रक्रिया से छोटे किसाना को भारी नुकसान पहुंचा कर बड़े किसानों व भू माफियाओं को लाभ पहुंचाया जा रहा है ।
सरकारी अधिकारियों द्वारा खुलेआम किसानों से पैसा मांगे जा रहे हैं 30 पर्सेट किसानों के नलकूप व पेड़ दर्ज नहीं किए गए हैं और उनके चक मूल स्थान से हटाकर दूसरी जगह भेज दिए गए हैं। जिससे वे ना खुश नजर आ रहे हैं और सरकारी अधिकारियों से बार-बार शिकायत कर रहे हैं जिसका निस्तारण अभी तक नहीं किया गया है। छोटे किसानों की जमीन कम कीमत कि लगाकर बड़े किसानों को दे दी गई है जिसके चक सड़क पर लगे हुए हैं उन्हें हटाकर बड़े किसानों व भू माफिया को लाभ पूछा गया है ।
फर्जी वसीयत व कागजात के बल पर भू माफिया से साज कर उन्हें जमीन दी जा रही है , उक्त प्रकरणों के कारण यहां पर किसानों के दो गुट बन गए हैं कभी भी झगड़े की स्थिति बन सकती है चकबंदी विभाग के इस अन्याय के कारण छोटे किसान सड़क पर आ चुके हैं छोटे किसानों का कहना है कि अगर यह सब यूं ही चलता रहा तो एक दिन आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे। किसानों द्वारा चकबंदी को न रोकने पर आला अधिकारियों पर सीधा-सीधा इल्जाम लगाए गए हैं। उनका कहना है कि वह लोग चकबंदी रोकने के लिए भारी-भरकम रकम वसूल रहे हैं जिसमें उन्होने तहसील अधिशासी अधिकारी, सीईओ चकबंदी और अन्य आला अधिकारियों पर रिश्वतखोरी और दलाली करना का इल्जाम लगाया है। साथ ही किसानों की माने तो उनको सड़क किनारे से हटाकर तालाब में जमीन दी गई है, जो हर वक्त पानी से भरा हुआ होता है जिसकी वजह से उनकी सारी फसल पानी के कारण तहस नहस हो चुकी है। बड़े भूमाफिया किशनपाल पर तालाब की जमीन कब्जाने और लोटन नाम के व्यक्ति की 27 बीघा जमीन हड़पने का आरोप लगाया है उन्होंने कहा है कि छोटे-छोटे किसानों को मोटी रकम देने का झांसा देकर उनसे धोखे से प्रॉपर्टी के कागजात पर दस्तखत कराके कब्जा कर लेता है। फिर उनको उन्हीं की जमीन से बाहर कर देता है। जब कभी वो लोग आला अधिकारियों से इसकी शिकायत करते हैं तो आला अधिकारियों के मुंह भारी-भरकम रकम से भर देता है। सूत्रों की माने तो भू माफियाओं ने अपनी जमीन को सशक्त और सड़क के किनारे करने के लिए चकबंदी अधिकारी को एक एक लाख रूपए देकर चकबंदी प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिए हैं जिसका खामियाजा छोटे किसान भर रहे हैं। किसानों का यह भी कहना है कि आला अधिकारियों ने कस्बा फरीदनगर को ग्रामीण क्षेत्र बताकर चकबंदी प्रक्रिया धोप दी है जिसका प्रमाण ग्रामीणों ने मीडिया के सामने दिखाया है और उन्होने आवाज को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का ऐलान किया है।
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