सरधना (मेरठ) पर्युषण पर्व समाप्त होने के साथ जैन मंदिर में आस्था उमड़ पड़ी। यहां क्षमावाणी पर्व मनाया गया। सभी ने एक-दूसरे से क्षमा मांगी और नेक राह पर चलने की कामना की। नगर के चौक बाजार स्थित दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर के साथ अन्य मंदिरो में चल रहे पर्यूषण पर्व के बाद क्षमावाणी का पर्व मनाया । इस दौरान उत्तम क्षमा धर्म से सभी को रूबरू कराया जाएगा। मुनि श्री ने बताया कि इस दिन जिनेंद्र देव का पूजन, अभिषेक कर जलधारा महोत्सव मनाया जाता है। इसमें सालभर में जाने अनजाने की गई गलतियों की क्षमा मांगी जाती है। उन्होंने बताया कि जब तक मन की कटुता दूर नहीं होगी। तब तक क्षमावाणी पर्व मनाने का कोई अर्थ नहीं है। अत: जैन धर्म क्षमाभाव ही सिखाता है। हमें भी रोजमर्रा की सारी कटुता, कलुषता को भूलकर एक-दूसरे से माफी मांगते हुए और एक-दूसरे को माफ करते हुए सभी गिले-शिकवों को दूर कर क्षमा-पर्व मनाना चाहिए। दिल से मांगी गई क्षमा हमें सज्जनता और सौम्यता के रास्ते पर ले जाती है। क्षमा-पर्व पर हम अपने मन में क्षमाभाव का दीपक जलाएं और उसे कभी बुझने न दें, ताकि क्षमा का मार्ग अपनाते हुए धर्म के रास्ते पर चल सकें। मुनि श्री के प्रवचन के बाद जैन समाज से जुड़े सभी लोगों ने क्षमावाणी पर्व मनाया और एक दूसरे से क्षमा मांगी। इस अवसर पर राजीव जैन कुणाल जैन अरिहंत जैन सौरभ जैन सुनील जैन दीपक जैन पंकज जैन पुलकित जैन अक्षय जैन आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।
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