गाज़ियाबाद। अमेज़न इंडिया ने घोषणा करके बताया कि त्योहारों से पूर्व कंपनी ने अपने आॅपरेशंस के नेटवर्क में 110,000 नौकरियों के अवसरों का सृजन किया है। नौकरियों का सृजन करने की कंपनी की प्रतिबद्धता के अनुरूप, इन अवसरों में भारत में मुंबई, दिल्ली, पुणे, बैंगलोर, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ और चेन्नई आदि शहरों में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष नौकरियां शामिल हैं। 
अखिल सक्सेना, वीपी- कस्टमर फुलफिलमेंट आपरेशंस, एपीएसी, मेना एवं लातम, अमेज़न ने कहा कि इन भर्तियों में से ज्यादातर लोग अमेज़न के एसोशियट्स के मौजूदा नेटवर्क में शामिल हो जाएंगे तथा उन्हें ग्राहकों के आॅर्डर सुरक्षित व प्रभावशाली तरीके से पहुंचाने के लिए पिक, पैक, शिप और आपूर्ति की प्रक्रिया में मदद करेंगे। इन नई भर्तियों में कस्टमर सर्विस एसोशिएट्स हैं, जिनमें से कुछ वर्चुअल कस्टमर सर्विस माॅडल का हिस्सा हैं। यह माॅडल अपने घर पर बैठकर काम करने का लचीलापन प्रदान करता है।  बताया कि त्योहार के दौरान देश के ग्राहक अपने आॅर्डर्स की सुरक्षित, भरोसेमंद एवं तीव्र डिलीवरी के लिए अमेज़न पर भरोसा करते हैं। 110,000 कर्मियों का अतिरिक्त कार्यबल हमें अपने फुलफिलमेंट, डिलीवरी एवं कस्टमर सेवा की क्षमता को मजबूत करने में मदद करेगा और ग्राहकों को बेहतरीन अनुभव प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ये भर्तियां हजारों लोगों को आजीविका एवं वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करेंगी। लोगों के हर कार्य में विविधता, समानता और समावेशन पर केंद्रित रहकर हम जीवन के हर क्षेत्र से सहयोगियों का स्वागत करते हैं, ताकि वो भारत में हमारे ग्राहकों और विक्रेताओं को त्योहारों पर एक बेहतरीन मौसम प्रदान करने में हमारी मदद कर सकें।’’
इन्होंने कहा
अमेज़न में हाल ही में भर्ती द्वारा नियुक्त हुई जोयाश्री सामंता ने कहा, ‘‘मैंने अमेज़न के फुलफिलमेंट सेंटर में हाल ही में काम करना शुरू किया है। यहां पर मैं ग्राहकों के आॅर्डर की पैकिंग करती हूँ। मुझे यहां पर काम करने का वातावरण एवं प्रदान की गई सुविधाएं बहुत अच्छी लगीं। भवन में काम करने वाले हर व्यक्ति के स्वास्थ्य व सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है। मुझे खुशी है कि मैं अपने परिवार का सहयोग कर रही हूँ।’’ कंपनी उन लोगों के लिए भी अवसरों का निर्माण कर रही है, जिनका अभी तक इस क्षेत्र में प्रतिनिधित्व बहुत कम था। इनमें विकलांग, महिलाएं, वरिष्ठ सैनिक एवं एलजीबीटीक्यूआईए$ समुदाय शामिल हैं। इस साल भर्ती में पिछले साल के मुकाबले 50 प्रतिशत ज्यादा महिलाओं, लगभग 60 प्रतिशत ज्यादा विकलांगों और एलजीबीटीक्यूएआई$ समुदाय के प्रतिनिधित्व में 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ समावेशी कार्यबल मजबूत हुआ है।

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