नौ लोग लापता, दो बच्चों के शव बरामद कई मकान ध्वस्त, एनडीआरएफ की टीमें तैनात
पिथौरागढ़ (एजेंसी)। पिथौरागढ़ की धारचूला तहसील और नेपाल के गांव में एक साथ बादल फटने से रविवार रात भारी तबाही मची है। धारचूला तहसील से 12 किमी दूर कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग से लगे जुम्मा गांव का संपर्क शेष जगत से कट गया है। सर्वाधिक तबाही इसी गांव में मची है। गांव के नौ लोग लापता बताए जा रहे हैं। जबकि कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। रात में ही गांव से भागकर ग्रामीणों ने सुरक्षित जगह पर पनाह ली। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व दल मौके को रवाना हो चुका है। हाइवे सहित सभी पैदल मार्ग बंद होने से गांव तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। वहीं नेपाल के सिरबगड़ में बादल फटने से आए मलबे से काली नदी का प्रवाह रोक दिया। जिसके चलते धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना के प्रशासनिक कार्यालय और कॉलोनी तक काली नदी का पानी जमा हो गया। कॉलोनी में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने दहशत के साए में तीन मंजिला भवन की छत पर रात गुजारी। धारचूला में अंतरराष्ट्रीय झूला पुल तक पानी पहुंच गया। रात को एसडीएम और पुलिस ने नदी किनारे स्थित मकानों में रहने वाले लोगों को सजग किया। जुम्मा के खातपोली में दो महिलाएं औऱ जामुनी तोक में 6 से 7 लोग तक लापता बताए जा रहे हैं। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि देर रात जुम्मा गांव में अतिवृष्टि के कारण सात लोगों के मलबे में दबे होने की सूचना मिली थी। सूचना के तत्काल बाद घटना क्षेत्र में राजस्व, एसएसबी, पुलिस, एसडीआरएफ और रेस्क्यू टीम रवाना हो गई है। वहीं, एनडीआरएफ भी क्षेत्र में भेजी गई है। इस दौरान टीम ने गांव से दो शव बरामद किए हैं। सीएम धामी ने डीएम से से ली नुकसान की जानकारी सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ डॉ. आशीष चौहान से फोन पर बात कर जुम्मा गांव में भारी बारिश से हुए नुकसान की जानकारी ली। सीएम ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि प्रभावितों को तत्काल हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाए। राहव व बचाव कार्य पूरी क्षमता के साथ चलाए जाएं। घायलों का समुचित उपचार सुनिश्चित किया जाए। काली समेत तीन नदियों ने लिया रौद्र रूप सीमांत में बादल फटने से काली नदी, कूलागाड़ और एलागाड़ ने रौद्र रूप ले लिया है। जुम्मा गांव के चामी तोक में कई मकान ध्वस्त हो गए हैं। जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बादल फटने से आई आपदा से खोज एवं बचाव कार्य के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश देकर अधिकारियों को क्षेत्र में भेज दिया है। उधर मुनस्यारी के मालूपाती गांव में फिर भूस्खलन हुआ है। दो परिवार शिफ्ट कर दिए हैं। आठ परिवार खतरे में आ गए हैं।
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