Que --पिछले 15 -20 वर्षों से लोगों का वास्तु के प्रति रुझान एकाएक बढ़ा है  लेकिन अचानक वास्तु शास्त्र कहाँ से आ गया ---?

Ans ---वास्तु शास्त्र कहीं से टपका नही है बल्कि सदियों से हमारी भारतीय संस्कृति को पल्लवित पुष्पित करती रही है ।


▶ सन 1982 में भारत में एशियाड   का आयोजन किया गया जिसके लिए भारत सरकार ने जगह जगह दूरदर्शन के केंद्र खोले ,उन दिनों लोगों ने दूरदर्शन में सुबह सुबह "योग" को "योगा" नाम से देखा ,भारत के लोग धीरे धीरे योग से परिचित होने लगे ,भारत के बड़े बड़े शहरों में नये नये योग के केंद्र खुलने लगे । 


▶ लेकिन जो योग के गुरु दूरदर्शन में आते थे वो स्थापित हुए अमेरिका में ---भारत में उनको कोई नही जानता था , लेकिन उस समय योग कहीं से आया नही बल्कि यह शुरू से ऋशि पतंजलि के अष्टांग योग का हिस्सा था । अष्टांग योग में है यम ,नियम ,आसन ,प्राणायाम ,प्रत्याहार ,धारणा ,ध्यान और समाधि । 


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▶ इस अष्टांग योग के तीसरे और चौथे चरण आसन औए प्राणायाम को भारत के हर घर में ले जाने का गुरुतर काम किया बाबा रामदेव ने ---उनके इस कार्य को मेरा प्रणाम ---लेकिन वो भी सद्कार्य करते करते राजनीती में उलझ कर योग को ऊंचाई में ले जाने का कार्य अधुरा छोड़ गये ,


▶ अब प्रश्न यह उठता है की योग को किसने लाया ...? रामदेव बाबा ने ...? योग के रचयिता तो हमारे ऋशि मुनि हैं जिनके आप सब सन्तान है ।


▶ ठीक इसी तरह भारत के ऋशि मुनियों ने कालान्तर के अलग अलग खंड में प्रकृति के सकारात्मक उर्जा के प्रयोग की अलग अलग नियमावली बनाई ,भवन निर्माण के इन्ही कला और नियमवाली को वास्तु शास्त्र कहते हैं । 


▶ भारत सदियों से गुलाम रहा इसकी वजह से भारतीय संस्कृति ,भारतीय समृद्धि ,भारतीय योग ,भारतीय वास्तु शास्त्र पर हम लोग सहसा विश्वास नही कर पाते ,उस पर संदेह करते हैं ,भारत में फेंग शुई [चीनी वास्तु शास्त्र ] पहले प्रचारित हुवा बाद में भारतीय वास्तु शास्त्र की और लोगों का ध्यान गया । 


▶रात के अँधेरे में सभी राजनेता ज्योतिषी के पास चुनाव का मुहूर्त निकालने  जाते हैं और दिन में लोगों से कहते हैं की वो प्रोग्रेसिव हैं ,सेकुलर है ,इन दोनों शब्द ने भारत का सबसे ज्यादा नुकसान किया है

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