मेरठ। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगी है लेकिन, स्वास्थ्य विभाग इससे सहमत नहीं हैं। उनका मानना है कि तीसरी लहर आना तय है,भले ही यह अगस्त के तीसरे सप्ताह में न आकर सितंबर या अक्टूबर के महीने तक आए। यही कारण है कि दिल्ली, महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना संक्रमण के केस मेरठवाासियों के दिल की धड़कन बढ़ा रहे हैं।
हालांकि शासन की ओर से दैनिक वीडियो कांफ्रेंसिंंग में अस्पतालों की तैयारियों को लेकर समीक्षा हो रही है। सबसे ज्यादा जोर ऑक्सीजन की उपलब्धता और इसके जेनरेशन प्लांट पर है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मेरठ के स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने को कहा है। यह भी कहा जा चुका है कि दूसरी लहर की तरह अचानक तीसरी लहर के प्रभाव से संभलने के लिए चिकित्सा टीम को मुस्तैद रखें।
मेडिकल के प्राचार्य बोले 
सरदार वल्लभभाई पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा0 ज्ञानेंद्र ने बताया कि दूसरी लहर से पहले जनवरी, फरवरी 2021 में प्रत्येक दिन दो या तीन संक्रमित मिल रहे थे। फिर मार्च में अचानक मामले बढ़े तो जैसे तूफान ही आ गया था। वर्तमान में भी केस कम मिल रहे हैं कि दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल आदि राज्यों में संक्रमण के बढ़ते मामलों से मेरठ में भी आम जनता को सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि घर से बाहर निकलने पर मास्क जरूर लगाए रहें। किसी दूसरे के संपर्क में आने से अपना बचाव सख्ती से करें। हाथ को साफ करके ही कुछ खाएं। यदि ऐसा नहीं करते तो काफी मुश्किल हो सकती है।
अस्पतालों में बेड तैयार 
जिले के अस्पतालों में सभी बेड पर 24 घंटे भरपूर आक्सीजन की व्यवस्था कर ली गई है। मेडिकल सहित अन्य अस्पतालों में आक्सीजन के सिलेंडरों का स्टाक उपलब्ध है। मेडिकल कॉलेज को कोरोना संक्रमण के समय सभी लेबल का कोविड अस्पताल बनाया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेज के अलावा अन्य अस्पतालों को भी सतर्क और तैयार रहने को कहा है।

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