टनल बनाने का काम जोरों पर   



मेरठ। दिल्ली से मेरठ को जोड़ने वाली पहली रैपिड रेल 2023 में हवा से बात करने को तैयार हो जाएगी। यानी 2023 में मेरठ से दिल्ली की 70 किमी की दूरी मात्र 45 मिनट्स में पूरी की जा सकेगी। इन दिनों इस 70 किलोमीटर लंबे रूट पर देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। आरआरटीएस का 70 किलोमीटर ट्रैक एलिवेटेड और 12 किलोमीटर ट्रैक अंडरग्राउंड होगा। रैपिड रेल के लिए पिलर खड़ा करने का करीब 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। 
यूपी गेट आनंद विहार और भैंसाली अंडरग्राउंड में टनल का काम जोरों पर 
अंडरग्राउंड ट्रैक का 4 किलोमीटर दिल्ली में और 8 किलोमीटर मेरठ व गाजियाबाद में होगा।  दिल्ली के आनंद विहार में टनल बोरिंग मशीन से टनल बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। सुरंग बनाने के लिए लॉन्चिंग शाफ्ट नीचे उतारा जा चुका है। जबकि मेरठ में भैंसाली अंडरग्राउंड स्टेशन के पास कार्य प्रारंभ हो चुका है। इस अंडरग्राउंड स्टेशन के लिए डी वॉल का निर्माण चल रहा है। इसके अंतर्गत कुल 121 फेंसिंग पैनल का केज भूमि के अंदर डालकर सीमेंट-कंक्रीट से जाम किया जा रहा है।
अब तक 900 से ज्यादा पिलर तैयार 
एनसीआरटीसी ने एलिवेटेड ट्रैक के निर्माण कार्य के तहत अब तक 900 से ज्यादा पिलर तैयार कर लिए हैं। इसके साथ ही आठ किलोमीटर का आरआरटीएस वायाडक्ट तैयार हो चुका है। वायाडक्ट का ज्यादातर काम साहिबाबाद से दुहाई के बीच हुआ है।
इस पर ट्रैक बिछाने का काम भी शुरू हो चुका है। साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किमी में आरआरटीएस स्टेशन के डिजाइन व आर्किटेक्चर का कार्य फाइनल होने के साथ निर्माण भी शुरू है। साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किलोमीटर का यह हिस्सा इस प्रोजेक्ट का प्रायोरिटी सेक्शन है, जिसे 2023 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है।

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