रायपुर। स्कूल में बच्चे शिक्षा ग्रहण कर देश और प्रदेश का नाम रोशन करते हैं, लेकिन अगर किसी स्कूल में मासूम बच्चों को सिक्योरिटी मनी के लिए बंधक बना लिया जाए, तो इसे क्या कहा जाएगा।  ऐसी ही घटना हरिद्वार में देखने को मिली, जो शिक्षा के मंदिर को शर्मसार कर रही है। यहां के एक स्कूल प्रबंधन ने 4 मासूम बच्चों को सिक्योरिटी मनी नहीं जमा करने पर मिलने नहीं दिया। बच्चों के परिजन दो दिनों से भूखे-प्यासे भटकते रहे। इससे ऐसा लगता है कि स्कूल को शिक्षा का मंदिर नहीं, नोट छापने की मशीन बना दी गई है. जहां परिजनों से अंधाधुंध रकम वसूला जा रहा है। 
दरअसल, पूरा मामला पतंजलि गुरुकुलम हरिद्वार स्थित वैदिक कन्या गुरुकुलम स्कूल का है, जहां पतंजलि गुरुकुल स्कूल प्रबंधन ने छत्तीसगढ़ के 4 बच्चों को रोककर रखे थे. ये चारों बच्चे गरियाबंद जिले के हैं। स्कूल प्रबंधन संकट काल में मासूम बच्चों के परिजनों से  सिक्योरिटी मनी के नाम पर 2 लाख रुपये जमा करा रहा था। पैसा जमा नहीं करने पर बच्चों को स्कूल से आने नहीं दिया जा रहा था।
पिता ने लगाई थी गुहार
बच्चों के पिता कौशल सिन्हा ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत की. उन्होंने बताया कि 2 लाख रुपये मांगा जा रहा है, जिसके बाद बच्चों को छो़ड़ेंगे. इसमें बच्चों के नाम सुयश सिन्हा, जो LKG का छात्र है। भाव्या सिन्हा ये भी LKG में पढ़ाई कर रही है।  झंसकेतन सिन्हा, जो कक्षा पहली का छात्र है। कुमारी झरना रानी सिन्हा, जो कक्षा छठवी की छात्रा है, जो वैदिक कन्या गुरुकुलम स्कूल में पढ़ाई कर रही है। परिजनों का आरोप है कि स्कूल ने सभी बच्चों को बंधक बना लिया है। परिजनों ने बताया कि स्कूल प्रबंधन को आवेदन दिए थे, जिसको फाड़कर खिड़की से बाहर फेक दिया गया।

सीएम भूपेश से हुई थी शिकायत
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामले की शिकायत पहुंच गई थी। सीएम भूपेश बघेल ने समूचित कार्रवाई के निर्देश दिए थे। वहीं लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में गरियाबंद कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने बताया कि बच्चों को बंधक बनाने का मामला हमारे संज्ञान में आया है। इसके लिए गरियाबंद एसपी भोजराज पटेल को विशेष टीम गठित कर बच्चों को छुड़ाने के निर्देश दे दिए थे. अब बच्चों को कलेक्टर की पहल के बाद छोड़ दिया गया है।


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