नई दिल्ली, 19 फरवरी । दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले में गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार पिंजरा तोड़ ग्रुप की सदस्य देवांगना कलीता और नताशा नरवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।
यूएपीए के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट कलीता और नरवाल की जमानत याचिका खारिज कर चुका है। कोर्ट ने कहा था कि चार्जशीट में दाखिल दस्तावेजों को देखने के बाद प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि आरोप सही हैं। ऐसे में जमानत नहीं दी जा सकती। सुनवाई के दौरान आरोपितों की ओर से वकील अदीत एस पुजारी ने कहा था कि चार्जशीट में आरोपित के खिलाफ यूएपीए का कोई मामला नहीं बनता है। उन्होंने कहा था कि यूएपीए की धारा 43डी के तहत दो शर्तें आरोपित पर लागू नहीं होती हैं, क्योंकि जो तथ्य पेश किए गए हैं वे यूएपीए की धारा 15 और 18 के तहत अपराध की श्रेणी में नहीं आती हैं। उन्होंने कहा था कि अभियोजन पर आरोप साबित करना होता है। इस केस में ऐसा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यूएपीए के तहत आरोप चलाने की स्वीकृति जल्दबाजी में दी गई है।


No comments:

Post a Comment

Popular Posts