मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल से पहुंचे भाकियू पदाधिकारी 

आने वाले दिनों में नंबर-बारी से आंदोलन में शामिल होते रहेंगे किसान


गाजियाबाद। गाजीपुर बॉर्डर पर शुक्रवार को भी किसान आंदोलन जारी रहा। शुक्रवार को पिछले दिनों के मुकाबले भीड़ कुछ बढी हुई देखी गई। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढाने के लिए भारतीय किसान यूनियन ने मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल की बैठक हुई। बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि कैसे किसान अपने खेत और आंदोलन पर एक साथ ध्यान रखें। बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इन दिनों गन्ना काटने और गन्ना बोने की काम जोरों पर है। तीन मंडलों से आए जिलाध्यक्षों मिलकर गाजीपुर बार्डर पर नंबर से किसानों की भेजने की रणनीति तैयार की। बैठक में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, महासचिव युद्घवीर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन के अलावा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मौजूद रहे। 
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने बताया कि आंदोलन में आगे की रणनीति तय करने को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडल बैठक की बैठक बुलाई गइ थी। बैठक में तय किया गया है कि आंदोलन लंबा चलाने के लिए गांव-गांव से किसानों की डयूटी लगाई जाए ताक‌ि सभी बारी-बारी से आंदोलन में भी पहुंचते रहें और कुछ दिन यहां रहने के बाद वापस जाकर अपने खेत का काम भी निपटा सकें। देवरिया से आए किसानों ने बताया कि हमारा जनपद दूर जरूर है लेकिन हमारे जनपद के सभी किसानों का मन यहीं है। सभी आना चाहते हैं लेकिन लंबी दूरी और ट्रेन न चलने से ऐसा नहीं हो पा रहा है, हम देवरिया में एक पंचायत करने का निवेदन भी राकेश टिकैत से कर रहे हैं।
बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि गाजीपुर बार्डर पर भीड़ कम नहीं हुई है। लेकिन खेतों में काम का समय है, गन्ना काटना भी है, गन्ना बोना भी है, हालांकि गे‌हूं की फसल कटने में अभी समय है लेकिन खेतों में काम तो है ही। लेकिन किसान सब कर लेंगे। बारी-बारी से किसान आंदोलन में भी आते रहेंगे और अपने खेत में काम भी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जो किसान आंदोलन में आता है उसके पड़ोसी का फर्ज है कि आंदोलन में आने वाले किसान के खेत का ध्यान रखे, और किसान ऐसा कर भी रहे हैं। यह आंदोलन किसी अकेले से नहीं चल रहा। आंदोलन सभी किसान मिलकर चला रहे हैं। 
दूसरी ओर किसान मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने आंदोलन मंच से किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार मीडिया के जरिए यह भ्रम फैलाना चाहती है कि आंदोलन में किसानों की संख्या कम हो रही है लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर किसान एकजुट हैं और तीनों कृषि बिलों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे। बाजवा ने कहा कि कई पूंजीपतियों के द्वारा आंदोलन को खत्म कराने की साजिश रची जा रही है, क्योंकि इन कृषि बिलों का फायदा देश के बड़े पूंजीपतियों तक ही पहुंचेगा। ऐसे में बाजवा ने सभी किसानों से अपील करते हुए कहा है कि वह भारी संख्या में गाजीपुर बॉर्डर पर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए पहुंचते रहें। उधर महराष्ट्र से आए किसानों ने भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत को छत्रपति शिवाजी महाराज का चित्र भेंट किया। राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस के चलते बनाए गए प्रधानमंत्री रिलीफ फंड की भी जांच होनी चाहिए। विदेशों से जो पीएम रिलीफ फंड में पैसा आ रहा है, उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए। 


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