गोरखपुर, 12 फरवरी । बजट में दो अन्य सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा से खिन्न यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने दो दिवसीय हड़ताल का मन बना लिया है। 15 और 16 मार्च को घोषित दो दिवसीय हड़ताल की तारीख ऐसी है कि इसके पहले 13 मार्च को महीने का दूसरा शनिवार व 14 मार्च का दिन रविवार है। 

ऐसे में सभी सरकारी बैंक चार दिन बंद रहेंगे। इससे उपभोक्ताओं को काफी दिक्कतें हो सकतीं हैं। वित्त मंत्री ने बजट में दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है। हालांकि कौन से दो बैंक बंद होंगे, अभी यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन यह तय हो गया है कि निजीकरण की आशंकाओं को लेकर सरकारी बैंकों के कर्मचारी डरे हुए हैं। अब इस घोषणा के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने 15 और 16 मार्च को दो दिनों की हड़ताल का ऐलान कर दिया है। कहने को हड़ताल तो सिर्फ दो दिन का है, लेकिन बैंकों की बंदी के दिनों की संख्या चार रहेगी। वजह, 15 और 16 मार्च के पहले यानी 13 मार्च को महीने का दूसरा शनिवार है। 14 मार्च को रविवार होने की वजह से बैंक वैसे ही बंद रहेंगे। 
डरे हैं कर्मचारी 
दो बैंकों के बंद होने की वित्त मंत्री की घोषणा ने सरकारी बैंकों के कर्मचारियों में भय व्याप्त कर दिया है। वजह भी साफ है। इस घोषणा ने जहां किसी भी दो बैंकों के बंद होने के भय ने कर्मचारियों के मन में घर बना लिया है वहीं वे यह नहीं समझ पा रहे कि छोटे या बड़े कौन से बैंक बंद होंगे। यही वजह है कि इसमें यूनियन को शामिल होना पड़ रहा है। उन्हें लगा रहा है कि इस निजीकरण का शिकार बड़े से लेकर छोटे तक कोई भी बैंक हो सकता है।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन गोरखपुर शाखा के कन्वीनर केके तिवारी का कहना है कि सरकार ने पहले ही आईडीबीआई बैंक का निजीकरण किया है। पिछले चार वर्ष में 14 सरकारी बैंकों का विलय भी हुआ है। अब बजट में दो बैंकों को बंद करने की घोषणा की है। यह बैंक कर्मचारियों के हित में नहीं है। सरकार की इस घोषणा का पुरजोर विरोध होगा। 15 और 16 मार्च को बैंकों में हड़ताल की घोषणा हुई है। गोरखपुर के भी सभी सरकारी बैंक बंद रहेंगे।

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