रविवार को भी वकीलों ने किया अनशन
- जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
मेरठ । अधिवक्ता ओमकार तोमर के आत्महत्या प्रकरण में पुलिस की लापरवाही के खिलाफ शनिवार से शुरू हुआ क्रमिक अनशन रविवार को भी रहा। साथ ही वकीलों ने अबतक कोई गिरफ्तारी होने पर
कड़ी नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
क्रमिक अनशन पर बैठे अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस सत्ता के दबाव में कार्य रही है।
अधिवक्ताओं का कहना है कि चूंकि इस मामले में हस्तिनापुर के भाजपा विधायक दिनेश खटीक का नाम भी आ रहा है इसलिए पुलिस सत्ता के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
यह भी कहा कि कार्रवाई करना तो दूर सत्ता पक्ष के दबाव में स्व. ओमकार तोमर के पुत्र लव एवं देवेश के विरूद्ध धारा306 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। ऐसा करना पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्र चिह्न लगाता है। इस दौरान अधिवक्ताओं ने आंदोलन को तेज करने के लिये अपने विचार रखे। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जब तक झूठे मुकदमे वापस नहीं होते तब तक आंदोलन को त्रीव गति से चलाया जाएगा।
अधिवक्ताओं ने यह भी कहा मुकदमें में आारोपियों की कुर्की कार्रवाई की जाए। पीड़ित परिवार को अविलम्ब आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। उक्त प्रकरण को बार कौन्सिल ऑफ उत्तर प्रदेश के माध्यम से बार कौन्सिल ऑफ इंडिया में भेजा जाए। अगर पुलिस आगामी २१ फरवरी तक घटना में संलिप्त अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो हाईकोर्ट बेंच स्थापना केन्द्रीय संघर्ष समिति,पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आवश्यक बैठक कर उक्त मांगों के समर्थन में प्रस्ताव पारित कर समस्त जनपदों के माध्यम से उक्त आंदोलन को तेज करेंगे।
क्रमिक अनशन पर बैठने वालों में तेजवीर सिंह, राजीव गोयल, चौ.हरेंद्र सिंह, झम्मन सिंह वर्मा, सुभाषदत्त शर्मा, रूपचंद शर्मा, नरेशदत्त शर्मा, अजय गर्ग, अजय पाठक, रजत वशिष्ठ, विपुल अग्रवाल, रेखा सिंह, अरविंद शर्मा और सुरेंद्र मलिक आदि शामिल थे।
अनशन के बाद अधिवक्ताओं ने एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। जिलाधिकारी ने वकीलों को आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के आश्वासन दिए।
अदालती कार्रवाई से विरत रहेंगे वकील
अनशन को सफल बनाने के लिए वकीलों ने सोमवार को भी कार्य से विरत रहने का फैसला लिया है। इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ताओं की विजिलेंस टीम गठित की गई जो उन वकीलों पर नजर रखेगी, जो चोरी-छिपे हड़ताल में भी काम करते हैं। इस टीम में तरुण कुमार ढाका, हर्ष चौधरी, विक्रम सिंह को शामिल किया गया है। इनके द्वारा न्यायालय और रजिस्ट्री कार्यालय की निगरानी की जाएगी।
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