गाजियाबाद, 10 फरवरी। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को ढाई माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं। किसानों का कहना है कि तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी से पहले वे दिल्ली की सीमाओं से हटने वाले नहीं हैं। बुधवार को गाजीपुर बार्डर पर पंजाबी गायब बब्बू मान पहुंचे। उन्होंने मंच से कहा कि इस किसान आंदोलन ने पूरे देश को एक माला में पिरो दिया है। इसके साथ ही बब्बू मान ने बालीवुड के कलाकारों द्वारा किए गए टवीट का हवाला देते हुए कहा सरकार से इन कानूनों पर बहस के लिए किसान नेता तैयार हैं जो बालीवुड कलाकर इस आंदोलन के विरोध में बोल रहे रहे हैं, उनसे मैं खुली बहस को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले मैं किसान हूं, उसके बाद और कुछ। न तो मैं किसान से अपने नाते को भूला हूं और न कभी भूलूंगा। आंदोलनकारियों के मांग पर बब्बू मान ने गाना भी सुनाया। उनका गाना सुनकर आंदोलनकारी मंच के सामने झूमते नजर आए। मंच पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बब्बू मान का स्वागत किया। उन्होंने राकेश टिकैत के बारे में कहा कि, इस मोर्चे को टिकैत ने बखूबी निभाया है। जब तक साथ है तब तक डटेंगे, रोक देंगे सब कुछ, बस शांति नहीं छोड़ेंगे। बब्बू मान ने कहा कि अब सत्ता किसान व मजदूरों के हिसाब से चलेगी। बब्बू मान से मौजूद लोगों ने गीत सुनाने की मांग की तो उन्होंने मितरा दी छतरी... गीत गाया। मान का गाना सुनने के लिए मंच के पास जबरदस्त भीड़ हो गई। मान ने एक बार फिर किसानों से कहा कि अनुशासन नहीं तोड़ना, सबको प्यार से जीतना है, यदि कोई आपको मारे तो उसे भी खाना और पानी दो। ------
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