जिला महिला चिकित्सालय में हर गुरुवार व शुक्रवार को महिला नसबंदी की सुविधा उपलब्ध
बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपीटीएसयू) के प्रयास से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) शिकारपुर व पहासू में शुक्रवार को नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 41 महिलाओं ने नसबंदी के लिए पंजीकरण कराया, जिसमें 36 महिलाओं ने नसबंदी करायी। नसबंदी के बाद महिलाओं को एंबुलेंस से उनके घर भेजा गया। नसबंदी से पहले हर महिला की कोरोना की जांच की गयी। रिपोर्ट निगेटिव आने पर उनका आपरेशन किया गया। शिविर में कोविड19 प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन किया गया।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश यादव ने बताया कोरोना काल में सुरक्षा की दृष्टि से नसबंदी सेवा पर रोक लगा दी गई थी। जनपद में अब कोरोना से निपटने के साथ ही अन्य कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। ऐसे में शुक्रवार को जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहासू व शिकारपुर पर नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया। जहां पर 41 महिलाओं ने नसबंदी के लिए पंजीकरण कराया। दोनों केन्द्रों पर 36 महिलाओं की नसबंदी की गयी। पंजीकृत अन्य महिलाओं की नसंबदी भी होनी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर नसबंदी कराने वाली महिलाओं को 2000 रुपए प्रोत्साहन के रूप में दिये जाते हैं। यह राशि लाभार्थी के खाते में सीधे भेजी जाती है। नसबंदी प्रेरक को तीन सौ रुपए दिए जाते हैं। उन्होंने बताया जिला महिला चिकित्सालय में प्रत्येक गुरुवार व शुक्रवार को महिला नसबंदी की सुविधा उपलब्ध है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहासू के प्रभारी डा. मनोज कुमार ने बताया उनके यहां शिविर लगाकर महिला नसबंदी कराई गई है। यहां 26 महिलाओं की नसबंदी की गयी। नसबंदी के उपरांत महिलाओं को एम्बुलेंस से घर भेजा गया। उन्होंने बताया नसबंदी से पूर्व सभी महिलाओं के कोरोना टेस्ट किये गये, रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उनकी नसबंदी की गयी। शिविर में कोविड-19 प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन किया गया।
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शुक्रवार होता है अंतराल दिवस
डा. रोहताश यादव ने बताया जनपद की समस्त चिकित्सा इकाइयों पर प्रत्येक शुक्रवार को अंतराल दिवस का आयोजन होता है। इस दिन महिलाओं को गर्भनिरोध अंतरा इंजेक्शन लगाने के साथ ही गर्भनिरोधक गोलियां तथा परिवार नियोजन से संबंधित परामर्श निशुल्क दिया जाता है।
खुशहाल परिवार दिवस
जनपद के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों पर हर माह की 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस के रूप में मनाया जाता है। जहां पर दम्पति को परिवार नियोजन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उसे अपनी पसंद के गर्भनिरोधक साधन चुनने का अवसर दिया जाता है साथ परिवार नियोजन अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसमें आशा कार्यकर्ताओं का विशेष सहयोग रहता है।
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