तीन दिन पहले बेटे की हो चुकी है हत्या
बागपत।यूपी में कानून व्यवस्था किसी तरह पटरी से उतर गयी हेै इसका उदाहरण बड़ौत शहर में हुई दाहा गांव में देखने को मिला। जहां दंबगों द्वारा एक परिवार को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया। समय रहते स्वरजनों की अंाखे खुल जाने से दर्दनाक हादसा होने से बच गया। पुलिस ने कार्रवाही करने के बजाय स्वजनों के आरोपों को ही झूठा बताते हुए इसे शॉट सर्किट बता डाला। वही दशहजदा लोगों ने गांव से पलायन करने की चेतावनी दी है।
दाहा गांव निवासी राशिद पुत्र यूसुफ की तीन दिन पहले पुरानी रंजिश को लेकर बड़ौत शहर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। अभी तक एक भी नामजद आरोपित गिरफ्तार नहीं हुआ है। शुक्रवार की तड़के राशिद के घर पर आग लगाकर उसके स्वजन को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया है। राशिद की मां साबरा ने बताया कि तड़के लगभग चार बजे चार साल की बच्ची सादिया लघुशंका के लिए जागी तो उसने दरवाजे पर आग लगी देखी तो शोर मचा दिया, जिसके बाद कमरे में सो रही उसके अलावा, राशिदा, मुरेशा व बच्चा साद भी जाग गया और शोर मचाते हुए पानी डालकर आग को बुझा दिय
साबरा ने बताया कि घटना की जानकारी थाना पुलिस के अलावा डायल 112 पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। 12 जनवरी को उसके बेटे राशिद की रंजिश के कारण बड़ौत में हत्या कर दी थी। आरोपित पकड़े नहीं गए हैं। उन्हें भी आग लगाकर किसी ने जिंदा जलाने का प्रयास किया है, लेकिन पुलिस भी घटना को गंभीरता से नहीं ले रही है। यदि सुरक्षा न मिली तो वह पलायन को मजबूर होंगे। एसओ रमेश सिंह सिद्धू ने बताया कि लकड़ी के दरवाजे के ऊपर से बिजली की डोरी जा रही है जिससे शार्ट सर्किट के कारण उसमें आग लगी मानी जा रही है। देखने मे ऐसा नहीं लगता कि किसी ने दरवाजे में आग लगाई हो। हालांकि मामले की जांच कराई जा रही है। घटना की तहरीर नहीं आई है।
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