2218 लोगों की जांच में 96 में हुई टीबी की पुष्टि
मुजफ्फरनगर, 15 जनवरी 2021 । ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ का तीसरा चरण शुरू हो चुका है। अभियान के इस चरण में जनपद के समस्त निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, निजी लैब, निजी क्लीनिक और दवा की दुकानों पर क्षय रोग विभाग की टीम भ्रमण कर रही है और निजी क्षेत्र में उपचार ले रहे क्षय रोगियों के नोटिफिकेशन के विषय में जानकारी जुटाई जा रही है। इसके साथ ही टीबी को लेकर यह टीम प्राइवेट चिकित्सकों का भी संवेदीकरण कर रही हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया कि 25 जनवरी तक चलने वाले इस अभियान के लिए विभाग की ओर से 11 टीम बनायी गयी हैं। जनपद में यह अभियान 26 दिसम्बर 2020 से चल रहा है जो 25 जनवरी 2021 तक चलेगा। तीन चरणों में चलने वाले इस अभियान के दो चरण पूरे हो चुके हैं। पहला चरण 26 दिसम्बर 2020 से एक जनवरी तक चला। इसमें अनाथालय, नारी निकेतन, जिला कारागार, वृद्धआश्रम , मदरसों व रेन बसेरों में कोविड-19 प्रोटोकाल के साथ टीबी व कोरोना संक्रमण की स्क्रीनिंग की गयी।
दूसरे चरण में दो से 12 जनवरी तक चलाए गए अभियान में (एक्टिव केस फाइंडिंग) की समीक्षा के लिए सभी सुपरवाइजरों और कोर्डिनेटर्स के साथ बैठक की। एक्टिव केस फाइंडिंग नाम से चले इस अभियान में विभाग की 223 टीम जुटीं और घर-घर जाकर टीबी रोगियों को खोजने के लिए 6.48 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की। स्क्रीनिंग किए गए लोगों में से कुल 2218 लोगों की टीबी की जांच की गयी। करीब 96 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई।
वहीं तीसरे तरण के अभियान में 11 टीम स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाई गई हैं। बुधवार को प्राइवेट नर्सिंग होम एवं लैब पर आने वाले 274 लोगों की जांच की गई और मेडिकल स्टोर पर विजिट करने वाले 1340 लोगों की जांच की गई।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है। इसमें विभाग के कर्मचारी लोगों को टीबी के लक्षण और उससे बचने की जानकारी देते हैं। उन्होंने बताया कि टीबी से संबंधित सभी जांच और उपचार निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है। यदि पूरा व समय पर इलाज कराने पर यह बीमारी पूरी तरह खत्म हो जाती है, लेकिन इलाज शुरू करने के बाद इसे बीच में नहीं छोड़ना चाहिये, ऐसा करने से बीमारी और बढ़ जाती है।
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