मेरठ। शुक्रवार को डाक्टरों की हड़ताल रही। ऐसे में इलाज के लिए केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चालू की गईं। चिकित्सकों ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए अपनी मांगों को रखा है। उनका कहना है कि सरकार जबतक उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं देगी हड़ताल जारी रहेगी। कहा कि सरकार के इस फैसले से मेडिकल शिक्षा खिचड़ी हो गई है। में आईएमए के आह्वान पर चिकित्सकों ने शुक्रवार को निजी क्लीनिक व अस्पताल इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सारी सेवाएं बंद रखीं। दोपहर 1 बजे आईएमए मेरठ चैप्टर के पदाधिकारियों ने बैठक भी की। आयुर्वेद के चिकित्सकों को सर्जरी के अधिकार दिए जाने के विरोध में आईएमए देशव्यापी असहयोग कर अपना विरोध दर्ज करा रहा है। हालांकि महामारी को देखते हुए कोरोना का इलाज करने वाले चिकित्सक व इमरजेंसी सेवाएं चिकित्सक देते रहे। आईएमए चैप्टर के वित्त सचिव डा.अमित उपाध्याय ने बताया कि करीब छोटे बड़े 600 अस्पताल व क्लीनिक ने असहयोग आंदोलन के तहत अपनी सेवाएं नहीं दी। आंदोलन में गंभीर मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए इमरजेंसी सेवाएं दी गई। बैठक में आंदोलन के अन्य बिंदु पर भी चर्चा गई। शाम छह बजे तक सेवाएं नहीं दी गई।
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