नामांकन पत्र ही वैध मिलने के कारण चुनाव के लिए मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर काफी उठा-पटक के बाद भी पर्चा दाखिल करने वाले 11 में से दस सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। दस में से आठ भारतीय जनता पार्टी से हैं, जबकि एक-एक सदस्य समाजवादी पार्टी तथा बहुजन समाज पार्टी के हैं।
भाजपा के आठ प्रत्याशियों के निर्वाचित होने से उच्च सदन में पार्टी की ताकत भी बढ़ेगी। बहुजन समाज पार्टी से रामजी गौतम तथा समाजवादी पार्टी से प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी राज्यसभा में पहुंचे हैं। इनमें भाजपा के बृजलाल, हरिद्वार दुबे, गीता शाक्य, सीमा द्विवेदी तथा बीएल वर्मा पहली बार सदन में पहुंचे हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह तथा नीरज शेखर को पार्टी ने दोबारा मौका दिया है।
उत्तर प्रदेश से उच्च सदन हेतु सभी 08 प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचित होने की हृदयतल से बधाई।

उत्तर प्रदेश की दस सीटों पर राज्यसभा चुनाव के लिए हुए नामांकन के बाद सोमवार को सभी 10 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए। सिर्फ दस नामांकन पत्र ही वैध मिलने के कारण चुनाव के लिए मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी का प्रमाणपत्र संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना और अरुण सिंह का प्रमाणपत्र जेपीएस राठौर लेने के लिए विधानभवन के सेंट्रल हाल में पहुंचे। वहीं, बसपा के रामजी गौतम के साथ महासचिव सतीश मिश्रा व विधान मंडल दलनेता लालजी वर्मा मौजूद थे। सपा के रामगोपाल यादव का प्रमाणपत्र अरविंद सिंंह ने ग्रहण किया।
 रामजी गौतम पहली बार उच्च सदन में पहुंचे हैं, जबकि प्रोफेसर राम गोपाल यादव लगातार तीसरा सत्र है।प्रदेश की दस सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव में सभी दस उम्मीदवार भले ही निर्विरोध निर्वाचित हो गए हो परंतु सूबे की सियासत में बड़ा उलटफेर हो गया। भाजपा द्वारा अतिरिक्त नौवां उम्मीदवार न उतारने के फैसले से सपा-बसपा में भिड़ंत जैसे हालात बन गए थे। बसपा उम्मीदवार रामजी गौतम की राह रोकने के लिए सपा द्वारा निर्दलीय उम्मीदवार का नामांकन कराने के साथ बहुजन समाज पार्टी के सात विधायकों ने बगावत कर दी थी। लेकिन निर्दल उम्मीदवार प्रकाश बजाज का नामांकन पत्र निरस्त होने के कारण मतदान की स्थिति नहीं बन सकी।

उत्तर प्रदेश से अब भाजपा के 22 राज्यसभा सदस्य : राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में दस सीटों के लिए हुए निर्विरोध निर्वाचन के बाद प्रदेश से भाजपा सदस्यों की संख्या बढ़ जाएगी जबकि अन्य विपक्षी दलों की सदस्य संख्या कम होगी। प्रदेश से राज्यसभा सदस्यों की कुल संख्या ३१ होती है। इसमें भाजपा के सदस्य 17से बढ़कर 22 हो जाएंगे। वहीं समाजवादी पार्टी सदस्य 8 के बजाए अब 5 होंगे। इसी तरह बसपा के तीन और कांग्रेस का एक सदस्य सदन में रह जाएगा।

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