शहरीकरण के कारण अब विलुप्त हो रही परंपराः राहुल 

सब्जियां भोजन को पौष्टिक व संतुलित बनाने में होती है सहायकः सुभाष 


मेरठ। बाजार में उपलब्ध सब्जियां आमतौर पर ताजी नहीं होतीं, साथ ही महंगी भी होती हैं। ऐसे में यदि घर में ही किचन गार्डन लगाया जाए तो सब्जी से जुड़ी समस्याओं का समाधान काफी हद तक दूर हो सकेगा। ग्रामीण समाज विकास केंद्र के तत्वावधान में गुरुवार को ब्लॉक दौराला के जमालपुर, मावी मीरा में सर्दी के मौसम में उगाई जाने वाली सब्जियों को किचन गार्डन में उगाने से जुड़ी जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में कॉर्डिनेटर अमित कुमार, एनिमिनेटर सुभाष और ऑफिस असिस्टेंट राहुल ने बताया गया कि फल एवं सब्जियां भोजन को पौष्टिक व संतुलित बनाने में सहायक होती है, लेकिन हानिकारक कीटनाशकों के इस्तेमाल से सब्जियां स्वास्थ्य को हानि पहुंचा रही हैं। इन परिस्थितियों में किचन गार्डन सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। इस अवसर पर किचन गार्डन के महत्व, बनाने के तरीकों व उसके प्रबंधन से जुड़ी बातें बताई। उन्होंने बताया कि तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण के कारण अब जगह की कमी हो गई है। पहले लोग परंपरागत रूप से घर के आगे या पीछे खुली जगह में सब्जी लगाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकता। अब छतों पर चौकोर गमलों में टमाटर, मिर्च व बैगन जैसी सब्जियों को उगाया जा सकता है। इन सब्जियों की कई ऐसी किस्में हैं जो गमलों में ही उगाई जाती हैं।
इस दौरान महिलाओं को 100-100 ग्राम के सब्जियों के बीच बांटे गए। कार्यक्रम का लाभ जमालपुर, मावी मीरा की करीब 60महिलाओं ने उठाया।

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