त्योहार खरीददारी करते समय पर बरतें विशेष सावधानी


मेरठ।  दीपावली नजदीक है ऐसे में घरों में तैयारियां शुरू हो गईं हैं इसी के साथ मिलावट भी शुरू कर दी गई है। लिहाजा त्योहार पर मिठाई आदि की खरीदारी के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
 बता दें  दीपावली के अवसर पर जिस प्रकार मावे की डिमांड बढ़ जाती है ठीक उसी प्रकार दूध का कम उत्पादन सिंथेटिक दूध के उपयोग को बढ़ावा देता है, इसलिए नकली मावे का कारोबार बढ़ रहा है। मिलावटी मिठाई कई तरीके से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसलिए त्योहार पर सचेत पर रहने की जरूरत है।
डा गुगलानी  की मानें तो नकली मावा बनाने के लिए पहले शुद्ध दूध से क्रीम निकाल ली जाती है, जिसके बाद सिंथेटिक दूध में यूरिया डिटर्जेंट रिफाइंड और वनस्पति घी मिलाया जाता है। मावे में चिकनाहट लाने के लिए वनस्पति और रिफाइंड को दोबारा में मिलाया जाता है। यह मावा ज्यादा दिन तक सुरक्षित रहे इसके लिए उसमें शक्कर मिला दी जाती है।
अगर कहीं बनता हो मिलावटी खाद्य पदार्थ तो तत्काल करें शिकायत
जिला खाद्य एंव सुरक्षा अधिकारी अर्चना धीरान  ने बताया कि दीपावली पर्व को देखते हुए विभाग की टीमों को सक्रिय कर दिया गया है जो कि जिले के अलग-अलग स्थानों पर खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर उनको जांच के लिए लैब को भेजा जा रहा है। बावजूद इसके अगर कहीं मिलावटी पदार्थ बनता हुआ पाया जाता है या सूचना मिलती है तो इसके लिए तत्काल छापेमारी की जाएगी। कोई भी व्यक्ति इस संबंध में पुलिस या विभाग के अधिकारी व कर्मचारी को सूचना दे सकता है, उसकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
हृदय और आंख की रोशनी पर नकारात्मक प्रभाव डालता है मिलावटी मिठाई
डॉ ओपी सिरोही ने बताया कि मिलावटी खाद्य पदार्थ तकरीबन शरीर के प्रत्येक अंग को प्रभावित करते हैं अगर सिंथेटिक दूध से मावा या कोई मिठाई तैयार की जाती है तो इससे सबसे बड़ी दिक्कत पेट की बीमारी और हृदय के साथ-साथ आंखों को होती है। आंखों की रोशनी जाने का भी डर रहता है और ब्लड से संबंधित कई बीमारियां हो सकती हैं। क्योंकि इसके बनाने में खतरनाक रसायन का प्रयोग किया जाता है। इससे खासकर त्योहार पर बाहरी सामान खाने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए।
 


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