जनपद के55 गांवों में बचे लाभार्थियों के बनने हैं गोल्डन कार्ड
- घर-घर जाकर लाभार्थियों को शिविर की जानकारी देंगी आशा कार्यकर्ता
बुलंदशहर। प्रधानमंत्री जन आरोग्य (आयुष्मान भारत) योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए एक बार फिर अभियान चलाया जाएगा। एक नवंबर से विशेष अभियान चलाकर उन गांवों में शिविर लगाया जाएगा, जहां एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बना है। ऐसे गांवों की सूची तैयार कर ली गई है। जनपद में ऐसे 55 गांव हैं। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से लाभार्थियों तक शिविर की सूचना पहुंचायी जा रही है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व आयुष्मान भारत के नोडल अधिकारी डा. सुष्पेंद्र कुमार ने बताया कोरोना काल में गोल्डन कार्ड बनाने का काम प्रभावित हुआ था। सभी लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनवाने हैं, ताकि सभी को लाभ मिल सके। बुलंदशहर में 55 गांव ऐसे हैं जहां एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बना है। अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) अमित मोहन प्रसाद ने सभी लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया यह अभियान एक नवम्बर से चलाया जाएगा। अभियान के दौरान गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए प्रोत्साहित करने पर 10 रुपये प्रति कार्ड आशा कार्यकर्ता को भी दिए जाएंगे। नोडल अधिकारी ने बताया संबंधित गांवों की आशा कार्यकर्ताओं को लाभार्थियों का ब्योरा उपलब्ध करा दिया गया है। आयुष्मान भारत योजना के मैनेजर लवकुश कुमार ने बताया जनपद में अब तक 1.42 लाख से अधिक कार्ड बनाएं जा चुके हैं।
कार्ड बनवाने के लिए देने होंगे 30 रुपये
आशा कार्यकर्ता प्रिटेंड डाटा के आधार पर गांव के लाभार्थी को सूचना देंगी। कॉमन सर्विस सेंटर के बीएलआई द्वारा एक नवम्बर को गांव में कैंप लगा कर कार्ड बनाये जाएंगे। लाभार्थी प्रति कार्ड 30 रुपये का शुल्क देकर गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं।
गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज
गोल्डन कार्ड बनवाने के लिये लाभार्थियों के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री का मूल पत्र (अगर प्राप्त हुआ है तो) होना जरूरी है।
गौरतलब है कि इस कार्ड के बन जाने से लोगों को पांच लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज मिल सकता है।
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